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मजदूरी करने को मजबूर दोस्त को IPL में लाने वाले नटराजन की कहानी  

RCB Vs SRH: अपनी दो गेंदों से विराट को IPL 2020 से आउट करने वाले टी नटराजन का संघर्ष प्रेरणा देता है

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सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए खराब शुरुआत के बावजूद 17 ओवर के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का स्कोर था 5 विकेट के नुकसान पर 111 रन. इसके बावजूद RCB के लिए चमत्कार की उम्मीदें जिंदा थी क्योंकि क्रीज पर ए बी डिविलियर्स जैसा बल्लेबाज अर्धशतक बनाकर मौजूद था और आखिरी 3 ओवर में उनका स्ट्राइक रेट पलक झपकते ही 200 से 300 पर पहुंच जाया करता है. इस IPL में भी ABD इसकी झलक 1 नहीं कई मौकों पर दिखा चुके थे.

लेकिन, इसके बाद 18वें ओवर में जो कुछ हुआ उस पर भरोसा करना भी मुश्किल था. डिविलियर्स हैदराबाद के एक ऐसे गेंदबाज के आगे रन बनाने में जूझ रहे थे जिसने कुछ साल पहले तक सिर्फ टेनिस-बॉल से ही क्रिकेट खेली थी. टी नटराजन ने ना सिर्फ डिविलियर्स को अपने मशहूर यार्कर्स के आगे बेबस किया, बल्कि उन्हें क्लीन बोल्ड करके शायद टूर्नामेंट की सबसे लाजवाब गेंद भी डाल दी. बस, इसी विकेट के साथ ही विराट कोहली का एक बार फिर से आईपीएल जीतने का सपना चकनाचूर हो गया. नटराजन ने 18वें ओवर में सिर्फ 2 रन देकर 2 विकेट लिए और RCB के लक्ष्य को सिर्फ 130 रन पर समेटने में उनके इस ओवर की भूमिका भी काफी अहम रही.

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लेकिन, ना सिर्फ क्रिकेट में बल्कि जिंदगी में तमिलनाडु के बेहद छोटे से गांव सालेम से आने वाले इस गेंदबाज को कोई भी चीज आसानी से नहीं बल्कि लंबे संघर्ष के चलते मिली है. इस सीजन हैदराबाद के सबसे कामयाब गेंदबाजों में से एक नटराजन तो पिछले 2 साल से सिर्फ बेंच पर बैठकर नैट्स बॉलर की ही भूमिका निभा रहे थे. ऐसा एक गुमनाम गेंदबाज के लिए मुश्किल ना हो लेकिन नटराजन तो 2017 में हीरो बन चुके थे जब उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में 3 करोड़ खर्च करके टीम में शामिल किया था लेकिन 6 मैचों में सिर्फ 2 विकेट और 9 रन प्रति ओवर से ज्यादा की इकॉनोमी रेट ने उनकी यात्रा पर विराम लगा दिया.

लेकिन, बचपन से ही नटराजन ने मुश्किलों के झूठा बताते हुए अपने लिए एक ऐसी राह तैयार की है कि उनसे प्रेरणा लेकर उनके गांव में भविष्य के नटराजन तैयार हो रहे हैं. तमिलनाडू में भले ही फिल्मी हीरो रजनीकांत की तूती बोलती है लेकिन अपने गांव वालों के लिए असली रजनीकांत वहीं है जिन्होंने गरीब बच्चों के लिए अनाथालय नहीं बल्कि एक क्रिकेट एकेडमी खोल दी है जिसमें कोई भी बच्चा बिना एक पैसे खर्च किए क्रिकेट सीख सकता है. ऐसा करने के पीछे नटराजन के आदर्श जयप्रकाश नट्टू का योगदान काफी सरहानीय रहा है, जिन्होंने पहली बार किसी टेनिस बॉल टूर्नामेंट में उनकी प्रतिभा को पहचाना और तमिलनाडू प्रीमियर लीग में उन्हें मौका दिलवाया. बस, उसके बाद अपनी मेहनत से नटराजन ने आईपीएल का सफर तय कर लिया है और आगे भारत के लिए खेलने की हसरत रखते हैं.

कामयाबी और शोहरत के बावजूद नटराजन उन लोगों को बिल्कुल नहीं भूलते हैं जिन्होंने बुरे वक्त में उनका साथ दिया. इसलिए आज उनकी आईपीएल जर्सी में “JP Nattu” सम्मान में लिखा हुआ है जो इन दिनों काफी वायरल भी हो चला है. आज ब्रेट ली, साइमन डूल और वीरेंद्र सहवाग जैसे एक्सपर्ट उनके लिए कसीदे गढ़ रहे हैं लेकिन नटराजन अपने पूराने दोस्त G Periyaswamy की मदद करने में जुटे हुए हैं ताकि वो भी उन्हीं की तरह आईपीएल में पहले खेलें और बाद में दोनों का देश के लिए एक साथ खेलने का सपना भी पूरा हो. 2019 में Tamil Nadu Premier League में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले उनके दोस्त को जब आईपीएल में किसी ने शामिल नहीं किया तो वो नैट बॉलर के तौर पर Kolkata Knight Riders के लिए इस सीजन यूएई में हैं. 2017 में जब नटराजन के दोस्त ने आर्थिक तंगी के चलते क्रिकेट छोड़कर मजदूरी शुरु कर दी थी उनका हाथ पकड़कर फिर से क्रिकेट के मैदान पर लाने वाला 29 साल का ये हैदराबाद का खिलाड़ी ही था. क्रिकेट के मैदान पर अब तक की सारी उपलब्धियां शायद नटराजन के इस दिलेरी आगे पूरी तरह से छोटी पड़ जाती है.

3 करोड़ की ऊंचाई से 40 लाख की गिरावट(उनका मौजूदा करार SRH के साथ) का नटराजन पर कोई असर नहीं पड़ता हैं क्योंकि उन्होंने बचपन से अपने पिता को रेलवे स्टेशन पर कुली की भूमिका में और मां को खेतों में काम करते देखा. इसके बाद जिंदगी ने जो कुछ दिया उसके लिए वो हमेशा ऊपर वाले का शुक्रगुजार रहते हैं. इतनी अमीर सोच रखने वाला खिलाड़ी अगर कामयाब ना हो तो और कौन होगा?

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