पिछले हफ्ते क्रिकेटर शेन वॉर्न (Shane Warne) की मौत के बाद थाई पुलिस ने उनकी ऑटोप्सी की जिसमें पाया गया कि उनकी मौत नेचुरल तरीके से ही हुई है. हालांकि उस रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि शेन वॉर्न लगातार लिक्विड डाइट पर थे ताकि अपनी मांसपेशियों पर काम कर सकें और उनकी बॉडी को अच्छा शेप मिले.
वॉर्न ने अपनी मौत से कुछ समय पहले एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट में कहा था कि, "ऑपरेशन श्रेड (मांसपेशियों के लिए) शुरू हो गया है (10 दिन) और जुलाई तक टारगेट है कि कुछ साल पहले इस शेप में वापस आना है! लेट्स गो."
क्या थी शेन वॉर्न की लिक्विड डाइट?
शेन वॉर्न के मैनेजर के अनुसार, वॉर्न 14 दिन की लिक्विड डाइट पर थे जिसमें सिर्फ लिक्विड चीजें शामिल थी सॉलिड खाने का कुछ नहीं था. वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, वार्न की मौत से पहले वाले हफ्ते में उन्हें सामान्य से ज्यादा पसीना आ रहा था.
अपने आहार में केवल लिक्विड लेने का उद्देश्य शरीर में कैलोरी की कमी को पूरा करना होता है जिससे कोई भी अतिरिक्त फेट का सेवन करने और वजन कम करने के लिए मजबूर हो जाता है.
एर्स्किन ने news.com.au को बताया कि "उन्होंने इस तरह की आहार पहले भी लिया है उन्होंने अभी एक खत्म किया जिसमें उन्होंने मूल रूप से केवल 14 दिनों के लिए लिक्विड चीजें ली हैं. ये वो तीन या चार बार पहले भी कर चुके हैं.
एर्स्किन ने आगे बताया कि वो ब्लैक या ग्रीन जूस पीते थे. उन्होंने अपने जीवन में ज्यादातर समय धूम्रपान किया है. मुझें नहीं पता. मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक बड़े पैमाने पर दिल का दौरा था. मुझे लगता है कि यही हुआ है.
बढ़ते वजन को शेन वॉर्न ने हमेशा नकारा है और उन्होंने कभी वजन को कम करने के लिए कोई सप्लिमेंट नहीं लिए थे.
बता दें कि लिक्विड डाइट में अमूमन कई प्रकार के जूस होते हैं जिसमें मिनर्ल्स और विटामिन्स होते हैं. इन जूस में प्रोटीन और फेट नहीं होता और ना ही फाइबर. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स बाताते हैं कि आहार बेलैंस होना चाहिए ऐसा ना करने पर कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि लिक्विड डाइट के कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, थकान, दस्त या कब्ज है.
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