दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में भारतीय टीम (Team India) को 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा और दक्षिण अफ्रीका में टीम इंडिया का पहली टेस्ट सीरीज जीतने का सपना टूट गया है. तीसरे मैच में टीम इंडिया की हार के कई कारण रहे. पहली पारी में विराट कोहली और दूसरी पारी में रिषभ पंत ने शानदार पारियां जरूर खेली लेकिन वो नाकाफी साबित हुईं. तो चलिए टीम इंडिया की हार के पांच ब़ड़े कारण हम आपको बताते हैं.
1. पुजारा-रहाणे का खराब प्रदर्शन
चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे का बल्ला इस पूरी सीरीज की तरह आखिरी मैच में भी खामोश ही रहा. हालांकि चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में 43 रन जरूर बनाए लेकिन जब दूसरी पारी में टीम इंडिया को सबसे ज्यादा जरूरत थी तब वो तीसरे दिन का खेल शुरु होते ही 9 रन बनाकर चलते बने. जिसकी वजह से भारतीय टीम पर दबाव बढ़ गया.
उधर अजिंक्य रहाणे की फॉर्म का हाल तो चेतेश्वर पुजारा से भी बुरा रहा, उन्होंने दोनों पारियों में टीम के लिए कोई खास योगदान नहीं दिया. अजिंक्य रहाणे दूसरी पारी में 1 रन बनाकर आउट हो गए. इससे पहले पहली पारी में भी वो 9 रन ही बना सके. इस पूरी सीरीज में तो रहाणे फेल रहे ही हैं, इससे पहले भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है. अजिंक्य रहाणे पिछली 10 पारियों में मात्र 189 रन बना सके हैं. जिसमें उन्होंने एक बार 50 का आंकड़ा पार किया है.
अब इन दोनों ही बल्लेबाजों पर टीम से बाहर होने की तलवार लटकी है. क्योंकि अपने टेस्ट करियर की शुरुआत में ही शानदार प्रदर्शन करने वाले श्रेयस अय्यर इस पूरी सीरीज में बाहर बैठे रहे और कप्तान कोहली के अलावा टीम मैनेजमेंट ने भी इन दोनों बल्लेबाजों को खूब सपोर्ट किया लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं.
2. ओपनिंग जोड़ी का फेल होना
भारतीय ओपनर केएल राहल और मयंक अग्रवाल तीसरे मैच की दोनों पारियों में सस्ते में आउट हो गए, और पहले से फॉर्म की तलाश कर रहा मिडिल ऑर्डर भी कुछ खास नहीं कर सका. केएल राहुल ने पहली पारी में 12 रन बनाए और मयंक अग्रवाल 15 रन बनाकर आउट हो गए. दूसरी पारी में भी केएल राहुल मात्र 10 रन ही बना सके. जबिक मयंक अग्रवाल 7 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. ओपनिंग जोड़ी का रन बनाना कितना महत्व रखता इसका अंदाजा आप ऐसे लगाइए कि इस सीरीज में भारत एक मैच जीता है जिसमें केएल राहुल ने शतक लगाया था और मयंक अग्रवाल ने अर्धशतक के साथ उनका बखूबी साथ दिया था.
उसके बाद दूसरे मैच में भारतीय ओपनिंग जोड़ी नहीं चल सकी. दरअसल पिछले काफी समय से ये चल रहा है कि जब-जब भारत का टॉप ऑर्डर अच्छी बल्लेबाजी करता है तब-तब टीम इंडिया अच्छी पोजीशन में रहती है और जब टॉप ऑर्डर फेल होता है तो टीम मुश्किल में पड़ जाती है.
3. लोअर मिडिल ऑर्डर
भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर काफी समय से परेशान कर रहा है इसीलिए टीम मैनेजमेंट ऑलराउंडर की तलाश में है. हार्दिक पांड्या के चोटिल होने के बाद रिंद्र जडेजा टीम को बैलेंस देते थे लेकिन वो भी फिलहाल चोट के कारण नहीं खेल रहे हैं. तो लोअर मिडिल ऑर्डर में टीम इंडिया ने अश्विन और शार्दुल ठाकुर को जोड़ा था. लेकिन ये दोनों इस सीरीज में कुछ खास योगदान नहीं दे पाए. इसीलिए भारत पूरी सीरीज में केवल एक बार 300 रनों का आंकड़ा छू पाया है.
4. पुजारा ने छोड़ा अहम कैच
अफ्रीकी बल्लेबाज कीगन पीटरसन का चेतेश्वर पुजारा ने आसान सा कैच चौथे दिन की शुरुआत में ही छोड़ दिया. वहां से खेल बदल सकता था, लेकिन कीगन पीटरसन 82 रन बनाने में कामयाब रहे और अपनी टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचा दिया. पुजारा अगर वो कैच लपक लेते तो शायद स्थिति कुछ और होती.
5. DRS विवाद
तीसरे दिन जब अफ्रीकी टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो डीन एल्गर को अश्विन की बॉल पर अंपायर ने एलबीडब्ल्यू आउट दिया. जिसके बाद एल्गर ने DRS की मांग की, जिसमें दिखाया गया कि बॉल स्टंप्स के ऊपर से निकल रही है. जबकि एल्गर के घुटने के नीचे वो बॉल लगी थी. इस पर काफी विवाद हुआ, विराट कोहली भी इस फैसले से बहुत नाराज हुए और स्टंप्स माइक में जाकर उन्होंने तकनीक पर सवाल उठाये. कई पूर्व क्रिकेटर और सोशल मीडिया पर भी तकनीक पर सवाल उठे. बहरहाल भारत के लिए मुद्दे की बात ये है कि अगर शुरु में ही एल्गर आउट हो गए होते तो दो विकेट खोने के बाद अफ्रीकी टीम पर दबाव बढ़ता और स्थिति बदल सकती थी.
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