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IPL: टेम्पो चालक के बेटे सकारिया की भरी झोली, दिल फिर भी खाली-खाली

सकारिया के पिता कभी नहीं चाहते थे कि वह क्रिकेटर बनें, जब तक कि उनके अंकल ने दखल नहीं दिया

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IPL 2021 की नीलामी राजस्थान रॉयल्स के नए खिलाड़ी चेतन सकारिया के लिए जब खुशी भरी खबर लेकर आई, तब उन्हें एक दुख भी था. पिछले ही महीने उन्होंने अपना छोटा भाई खोया है, जो उनके काफी करीब था. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सकारिया का कहना है कि 1.20 करोड़ रुपये की अप्रत्याशित बोली उनकी जिंदगी को बदल देगी लेकिन उन्हें अभी भी खालीपन महसूस हो रहा है.

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28 साल के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने बताया, ‘’मेरे छोटे भाई ने जनवरी में सुसाइड की थी. मैं घर पर नहीं था, मैं उस समय सैयद मुश्ताक अली खेल रहा था. घर लौटने तक मुझे पता ही नहीं था कि वो गुजर गया है. तब भी, मेरे परिवार ने मेरे साथ यह खबर शेयर नहीं की थी. मैं उनसे राहुल के ठिकाने के बारे में पूछता था और वे मुझे बताते थे कि ‘वो बाहर गया है’. उसकी गैरमौजूदगी मेरे लिए एक बड़ा खालीपन है. अगर वो आज यहां होता तो मुझसे ज्यादा खुश होता.’’

अब तक जिंदगी का सफर सकारिया के लिए आसान नहीं रहा है. दो साल पहले तक, सकारिया के पिता कांजीभाई टेंपो चला रहे थे. परिवार की खराब आर्थिक स्थिति की चलते उनके पास 5 साल पहले तक टेलिविजन सेट भी नहीं था, ऐसे में उनको क्रिकेट देखने के लिए या तो दोस्तों के घर जाना पड़ता था, या फिर इलेक्ट्रॉनिक शोरूम के बाहर खड़ा होना पड़ता था.

सकारिया के लिए बड़ा मौका किसी हैरानी के तौर पर सामने नहीं आया है, यूएई में कुछ महीने पहले हुए आईपीएल के दौरान रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के साथ नेट गेंदबाज के रूप में उनके अंदर आत्मविश्वास आया था. भले ही आरसीबी ने नीलामी में उनको लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन राजस्थान रॉयल्स ने सकारिया को साइन किया.
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सकारिया ने बताया, ''मैं उम्मीद कर रहा था कि इस बार मैं वहां रहूंगा क्योंकि जब मैं यूएई में आईपीएल के दौरान आरसीबी के लिए नेट गेंदबाज के रूप में गया था, तो आरसीबी के कोच माइक हेसन और साइमन कैटिच ने मुझे बताया था कि मैंने किसी भी आईपीएल टीम का हिस्सा बनने के लिए सभी बॉक्स टिक कर दिए हैं. आरसीबी ने मेरे लिए कोशिश नहीं की लेकिन किसी भी टीम के लिए चुना जाना मेरी लिए खुशी की बात है.''

उनके पिता कभी नहीं चाहते थे कि वह क्रिकेटर बनें, जब तक कि उनके अंकल ने दखल नहीं दिया. जब सकारिया सौराष्ट्र के लिए नियमित गेंदबाज बन गए, तो उन्होंने अपने पिता से काम छोड़ने का अनुरोध किया.

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