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विराट का बैट "करो या मरो" मैचों में फ्लैट, बड़े मुकाबलों में फ्लॉप रहे कोहली

गौतम गंभीर ने कहा कि "ICC के नॉकआउट मुकाबलों के लिए मुझे नहीं लगता कि भारत मानसिक रूप से मजबूत है."

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यूएई में चल रहे टी-20 विश्व कप (T20 World Cup) में भारत की स्थिति ये है कि वो अंक तालिका नामीबिया और अफगानिस्तान जैसी टीमों से भी नीचे है.

भारत की हालत के लिए जिम्मेदार है पहले पाकिस्तान और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ 'करो या मरो' के अहम मुकाबले में मिली करारी हार.

इस हार के बाद गौतम गंभीर ने आईसीसी इवेंट के नॉकआउट मुकाबलों में भारतीय टीम के खेल पर सवाल उठाया. गंभीर ने कहा कि "इस तरह के मुकाबलों के लिए मुझे नहीं लगता कि भारत मानसिक रूप से मजबूत है."

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गौतम गंभीर की ये बात सही भी नजर आती है लेकिन ये कहानी भारतीय टीम से ज्यादा उसके कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) के लिए प्रासंगिक है.

देखिए आईसीसी के नॉकआउट मुकाबलों में विराट का बल्ला किस तरह फ्लॉप रहा है.

2011 वर्ल्ड कप

विराट कोहली का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू 2008 में हुआ. इसके बाद उन्होंने पहला वर्ल्ड कप 2011 में खेला. सबको याद होगा कि 2011 वर्ल्ड कप जीतकर भारतीय टीम ने इतिहास रचा था लेकिन इसके नॉकआउट मुकाबलों में विराट कोहली के बैट ने किस कदर साथ छोड़ा, यह शायद अब यादों में ताजा नहीं है, लेकिन हम आपको याद दिलाते हैं.

इस वर्ल्ड कप में क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले को मिलाकर विराट कोहली के बल्ले से निकले थे सिर्फ 68 रन. सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ अहम मुकाबले में विराट सिर्फ 9 रन बनाकर आउट हुए थे. ये विराट कोहली का पहला वर्ल्डकप टूर्नामेंट था इसीलिए इससे आगे बढ़ते हैं.

2015 वर्ल्ड कप

2015 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी और सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था. इससे पहले भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम को हराकर आई थी.

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विराट कोहली अब तक एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन चुके थे और उनसे बड़े मैचों में बड़े प्रदर्शन की उम्मीद की जाने लगी थी. लेकिन इस अहम नॉकआउट मैच में विराट कोहली के बैट से 13 गेंदों में सिर्फ 1 रन निकला और मिचेल जॉनसन की गेंद पर आउट हो गए.

2017 चैंपियंस ट्रॉफी

2017 विराट कोहली की जिंदगी में एक अहम मोड़ लेकर आया. इस साल वो भारतीय टीम के कप्तान बन गए. 2017 चैंपियंस ट्रॉफी विराट कोहली के लिए बतौर कप्तान पहला आईसीसी इवेंट था.

पूरे लीग के दौरान टीम ने अच्छा प्रदर्शन भी किया और भारतीय टीम फाइनल तक पहुंच गई. फाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ विराट कोहली से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन कप्तान कोहली 9 गेंदों में सिर्फ 5 रन बनाकर आउट हो गए.

2019 वर्ल्ड कप

2019 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम विराट कोहली की कप्तानी में सेमीफाइनल तक पहुंची, जहां उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच खेलना था.

न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 240 रनों का लक्ष्य दिया. लेकिन इस मैच में भी विराट कोहली शायद नॉकआउट गेम के दबाव को झेल नहीं पाए और सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए.

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2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप

2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच था. यह ना सिर्फ विराट कोहली की कप्तानी में पहला वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप था बल्कि भारत का भी पहला था. कप्तान विराट कोहली इस अहम मुकाबले में सिर्फ 13 रन के स्कोर पर आउट हो गए थे.

2021 टी-20 वर्ल्ड कप

अब कहानी मौजूदा T20 वर्ल्ड कप की जिसमें भारतीय टीम फिर एक बार न्यूजीलैंड के सामने करो या मरो की स्थिति में थी. सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत भारतीय टीम के लिए बहुत जरूरी थी, लेकिन कप्तान विराट कोहली इस मुकाबले में सिर्फ 9 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. नतीजा रहा भारत की हार.

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इसमें कोई शक नहीं कि भारत की हार के और भी कई कारण हैं लेकिन एक अहम खिलाड़ी और कप्तान होने के नाते विराट कोहली का आईसीसी के बड़े मैचों में ना चल पाना भारतीय टीम के लिए कम से कम चिंता का कारण तो है ही. विराट कोहली को भी बड़े मैचों में अपने अप्रोच में बदलाव लाने की जरूरत है.

बॉडी लैंग्वेज से कॉन्फिडेंट दिखना किसी भी टीम के लिए बहुत जरूरी है जो कि न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में बिल्कुल नहीं दिखा. विराट यकीनन एक बेहतर बल्लेबाज हैं और कप्तानी में रिकॉर्ड भी अच्छा है लेकिन अगर वो क्रिकेट के बड़े टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों के दबाव को ना झेल पाने की स्थिति में हैं तो यकीनन उन्हें सोचने की जरूरत है.

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