14 जनवरी को टीम इंडिया ( Team India) ने साउथ अफ्रीका में एक और टेस्ट सीरीज गंवा दी और इसके ठीक 24 घंटे बाद भारत ने अपना सबसे सफल टेस्ट कप्तान (Virat Kohli) खो दिया.
विराट कोहली जिसने भारत की टेस्ट कप्तानी संभाली तो टीम सातवें नंबर पर थी, आज छोड़ी है तो टीम पहले नंबर पर है. विराट जिसने लगातार 42 महीनों तक भारत को टेस्ट में टॉप पर रखा. जिसने भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट में कप्तानी की और सबसे ज्यादा टेस्ट जिताए. जिसने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत को पहली टेस्ट सीरीज जिताई. जिसने बॉलिंग और फील्डिंग में एक नया स्टैंडर्ड स्थापित किया, जिसे सचिन के रिकॉर्ड तोड़ने का सबसे बड़ा दावेदार और द रन मशीन कहा जाता है, जिसने मोहम्मद शमी की ट्रोलिंग के बाद ट्रोल करने वाले को 'स्पाइनलेस' कहा और अपने खिलाड़ियों के लिए सबसे आगे खड़े रहे, वो कोहली अब इन सब से जुदा हो गए.
पहले वो क्रोनोलॉजी देखिए जिसमें विराट की तीनों फॉर्मेट की कप्तानी गई.
16 सितंबर को सबसे पहले विराट ने ट्वीट किया कि वो T-20 वर्ल्ड कप के बाद भारत की कप्तानी छोड़ देंगे. बात एकदम साफ थी कि विराट वनडे और टेस्ट में भारत को लीड करना चाहते हैं.
लेकिन BCCI ने साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टीम की घोषणा के साथ 8 दिसंबर को ये साफ कर दिया कि विराट अब ODI में भी कैप्टन नहीं रहेंगे. इस बात की घोषणा के लिए BCCI ने जो तरीका अपनाया वो विराट जैसे बड़े कप्तान के लिए बहुत छोटा था. स्क्वॉड के ऐलान वाले नोटिस में एक लाइन में लिख दिया गया कि अब रोहित शर्मा ODI कप्तान होंगे.
और अब 15 जनवरी को फिर एक ट्वीट के जरिए टेस्ट कप्तानी से भी विराट ज़ुदा हो गए. यानी कुल मिलाकर तीनों फॉर्मेट में उनकी विदाई की खबर सोशल मीडिया से मिली. वनडे की कप्तानी जाने के बाद तो बोर्ड के लोगों और कोहली के बीच परोक्ष रूप से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला.
अब सवाल ये कि विराट ने कप्तानी छोड़ी या छोड़ने के लिए मजबूर हुए
इसमें कोई शक नहीं कि विराट टेस्ट और ODI की कप्तानी जारी रखना चाहते थे, लेकिन BCCI को ये नामंजूर था.
विराट की कप्तानी जाने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण ये कि वो अब भारतीय क्रिकेट में किनारे कर दिए गए हैं. BCCI को रोहित शर्मा और केएल राहुल में अचानक फ्यूचर नजर आने लगा. जब तक रवि शास्त्री टीम के कोच थे तब तक सब ठीक था, लेकिन जैसे ही मैनेजमेंट बदला तब से विराट और बोर्ड के बीच खटपट की खबरें आने लगी. ODI कप्तानी को लेकर स्थिति एकदम आमने-सामने वाली आ गई. सौरभ गांगुली और विराट कोहली के स्टेटमेंट एक दूसरे पर प्रहार की तरह सामने आए.
विराट की कप्तानी जाने का एक और बड़ा कारण माना जा रहा है कि वो बैट से परफॉर्म नहीं कर पा रहे और ये भी सच है कि वो टीम को कोई ICC ट्रॉफी नहीं दिला सके. बीते 2 साल से विराट कोई शतक नहीं लगा पाए लेकिन इस खामी में कप्तानी कहां आड़े आ रही थी ये समझ पाना मुश्किल है. विराट ऐसे खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं जहां दबाव में उनके प्रदर्शन में और निखार आता है. लेकिन अगर शतक न लगा पाने के चलते विराट को ये कदम उठाना पड़ा तो आगे आने वाले सभी कप्तानों के लिए ये एक खतरनाक मैसेज है.
अब सवाल ये कि अगला टेस्ट कप्तान कौन
अगर ये सवाल सुनते ही आपके दिमाग में सबसे पहले रोहित शर्मा और केएल राहुल का नाम आता है तो जरा रुकिए. इस सवाल का जवाब खोजना बोर्ड के लिए भी अब इतना आसान नहीं है. रोहित शर्मा खुद 34 साल के हो चुके हैं और एक लांग टाइम टेस्ट कप्तान की कैटेगरी में फिट नहीं बैठते, इसके अलावा रोहित और इंजुरी का चोली दामन वाला साथ हो गया है जो उनको लगातार बाहर बैठने पर मजबूर कर रहा है. दूसरी तरफ केएल राहुल ने टेस्ट कप्तानी की शुरुआत भी अभी ठीक से नहीं की है और BCCI ने कहा है कि उनको भविष्य के कप्तान के रूप में तैयार किया जा रहा है.
विराट के साथ जो हुआ उससे आप भारतीय क्रिकेट इतिहास में बहुत गर्व के साथ नहीं लिख पाएंगे. वसीम बरेलवी साहब का लिखा याद आ रहा है-
ये एक मेला है वादा किसी से क्या लेगा,
ढलेगा दिन तो हर एक अपना रास्ता लेगा.
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