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PBKS Vs RCB: 7 गेंदों में वसूल हो गया बरार का 7 साल का इंतजार

एक वक्त ऐसा आया था, जब क्रिकेट में मौका ना मिलने से परेशान हरप्रीत बरार ने कनाडा जाकर नौकरी करने का मन बना लिया था

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पंजाब के एक छोटे से शहर मोगा में पैदा हुए हरप्रीत बरार ने एक दिन बचपन में अचानक बाजार से लौटते समय एक स्थानीय क्रिकेट एकेडमी का विज्ञापन देख लिया. बस फिर क्या था, घर में क्रिकेट खेलने की जिद शुरू कर दी और इस तरह उनका सफर शुरू हो गया.

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रोपड़ के जिला स्तर वाले मैचों में जब वो अच्छा खेल दिखाने लगे, तो गुरकीरत सिंह मान (जो भारत के लिए खेल चुके हैं) ने उन्हें मोहाली आने को कहा. मान को बरार की प्रतिभा पर भरोसा था और इसलिए उन्होंने ये सुझाव दिया.

इस पीढ़ी में हर खिलाड़ी का शायद ये सपना जरुर होता है कि वो भारत के लिए खेल पाए या ना पाए, आईपीएल में तो कम से कम खेल ही ले. लेकिन, 7 साल के दौरान 4 बार पंजाब के लिए बरार ने ट्रॉयल दिया और हर बार नाकाम हुए.

धोनी से हाथ मिलाना ही कभी होती थी बड़ी बात

किसी तरह से 20 लाख की बेस प्राइस पर 2019 में उनका चयन हो गया लेकिन खेलने को मिले सिर्फ 2 मैच. पिछले साल भी सिर्फ 1 ही मैच मिले. बरार को बहरहाल इस बात की तसल्ली थी कि उन्हें महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलने और हाथ मिलाने का मौका मिल गया, जो शायद वो कभी सपने में भी नहीं सोच सकते थे.

7 साल की तपस्या को वरदान में बदलते देखा

छोटे शहरों से आने वाले लड़कों के सपने छोटे नहीं होते हैं लेकिन वो बड़े शहर के लड़कों की तरह शायद खुलकर उन बातों का इजहार नहीं कर पातें हैं. बरार सिर्फ अपनी क्रिकेट बॉयोग्राफी को धोनी से हाथ मिलाकर खुश रहने तक सीमित नहीं करना चाहते थे. वो इंतजार कर रहे थे शायद कोई एक ऐसा दिन आये जब वो 7 साल की तपस्या को वरदान में बदलते देख पायें.

7वें ओवर से शुरुआत के बाद वो 7 गेंदों का स्पैल

शुक्रवार को क्रिकेट ने बरार की तपस्या का फल उन्हें आखिरकार दे ही दिया. जो लड़का क्रिकेट से मायूस होकर कनाड़ा जाने की सोच रहा था उसने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 7 गेंदों का एक ऐसा स्पैल डाला जिससे पूरी दुनिया हतप्रभ हो गयी. 7 का संयोग ऐसा कि बरार को मैच के दौरान 7वां ओवर मिला जो उनका पहला था लेकिन उनकी पहली गेंद पर कोहली ने छक्का लगया.

अगले ओवर में बरार फिर आये तो कोहली ने उनका स्वागत किया चौके से. ऐसा लगा कि कोहली उन्हें ये बताना की कोशिश कर रहों हों हे बरार- तू नैट लायक ही है. लेकिन, जिस गेंदबाज ने जिदगी में इतनी परेशानियों को झेला है वो भला दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज से छक्का-चौका खाकर क्या पस्त होता.

तीसरे ओवर की अपनी पहली ही गेंद पर बरार ने पहले विराट कोहली को छकाया. क्लीन बोल्ड. लेकिन, असली रोमांच तो तब देखने को मिला जब ग्लैन मैक्सवेल को बोल्ड के होने के बाद पता नही नहीं चला कि उनका गिल्लियां हवा में बिखर चुकी हैं. और जब बरार ने ए बी डिविलयर्स को भी चलता कर दिया तो 1 विकेट पर 61 से स्कोर को 69 पर 4 हो गया और बस बैंगलोर के लिए मैच खत्म.

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युवराज की तरह 6 छक्के लगाने की तमन्ना!

इससे पहले बल्लेबाजी करते हुए भी बरार ने सिर्फ 17 गेंदों पर 25 रन बनाये थे जिसमें 2 छक्के भी शामिल थे. वैसे, छक्का लगाना बरार के लिए सिर्फ तुक्का नहीं था, क्योंकि वे वाकई में बड़ी हिट में यकीन रखते है. युवराज सिंह को अपना आदर्श मानने वाले इस खिलाड़ी ने एक बार क्लब मैच में एक ही ओवर में 5 छक्के लगा डाले थे जब किसी ने उन्हें ये चुनौती दी थी कि अगर युवी पाजी इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसा कर सकते हैं तो तू कम से कम क्लब में तो करके दिखा!

क्लब के बाद आईपीएल में भी बरार ने अपना जलवा बिखेर दिया है. अगर आईपीएल में बरार की कामयाबी का करार लंबा चलता है तो कौन जाने पंजाब पुलिस में ड्राइवर की नौकरी करने वाले का बेटा भविष्य में टीम इंडिया की बस में भी सफर करे.

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