इंग्लैंड और स्पेन फुटबाल इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने से महज एक कदम की दूरी पर हैं. ये दोनों टीमें शनिवार को भारत की मेजबानी में खेले जा रहे फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के फाइनल में आमने-सामने होंगी, जहां विश्व फुटबाल के दो दिग्गज अपने पहले खिताब के लिए जद्दोजहद करेंगे.
इस वर्ल्ड कप में ये पहला 'ऑल यूरोपियन' फाइनल है. इंग्लैंड इससे पहले कभी क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं गया. उसके सामने अपनी अंडर-20 टीम की सफलता को दोहराने का बेहतरीन मौका है जो वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर चुकी है.
स्पेन तीन बार फाइनल में जगह बनाने में तो सफल रहा है लेकिन जीत तीनों बार उससे दूर ही रही. चौथी बार फाइनल में पहुंचने पर स्पेन पहले खिताब के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगा.
इसी साल मई में स्पेन ने यूईएफए अंडर-17 यूरोपियन चैम्पियनशिप में इंग्लैंड को 4-1 से मात दी थी. इंग्लैंड उस हार का बदला लेने की पूरी कोशिश करेगा. दोनों टीमों के बीच वो तीसरा यूरोपियन चैम्पियनशिप फाइनल था.
भारत की मेजबानी में शानदार रहा है खेल
भारत की मेजबानी में खेले जा रहे इस वर्ल्डकप में इंग्लैंड ने शुरू से ही शानदार खेल दिखाया है. वहीं स्पेन ने सही मौकों पर अपने आप को संभालते हुए फाइनल का सफर तय किया है. दोनों टीमों की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए मुकाबला रोमांचक होगा.
इंग्लैंड के लिए ये साल यादगार रहा है. साल 1966 में बॉबी मूरे की कप्तानी वाली इंग्लैंड की सीनियर टीम ने पहला वर्ल्ड कप जीता. इस जीत के बाद इंग्लैंड की अंडर-20 टीम ने वेनेजुएला को फाइनल में मात देते हुए वर्ल्ड कप के सूखे को तोड़ा.
यहां से अंडर-19 टीम ने राह पकड़ी और यूईएफए यूरोपियन चैम्पियनशिप अपने नाम की.
(इनपुट IANS से)
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