एडिलेड टेस्ट में फिलहाल मुकाबला जबरदस्त बराबरी का चल रहा है. दूसरे दिन का खेल जब खत्म हुआ तो ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 191 रन बनाए हैं. ऑस्ट्रेलियाई टीम अब भी भारत से 59 रन पीछे है, उसके 7 विकेट गिर चुके हैं. फिलहाल ट्रेविस हेड और मिचेल स्टार्क क्रीज पर हैं. हेड ऑस्ट्रेलिया की तरफ से इकलौते बल्लेबाज हैं जिन्होंने पहली पारी में अर्धशतक लगाया है. मैच के तीसरे दिन पहले घंटे का खेल दशा दिशा तय करने में अहम रोल निभाएगा.
अगर भारतीय टीम को इस टेस्ट मैच की पहली पारी में 25-30 रनों की भी बढ़त मिल गई तो ये बढ़त चौथी पारी में कंगारूओं पर भारी पड़ेगी. अब तक इस टेस्ट मैच में जो सबसे काबिले तारीफ बात रही वो है चेतेश्वर पुजारा का शतक. पहले दिन के खेल में वो पुजारा का शतक ही था जिसने टेस्ट मैच में भारतीय टीम की जान बचाई. दूसरे दिन के खेल में उसी सांस पर भारतीय गेंदबाजों ने आस जगाई है. मैच अभी भले ही बराबरी पर दिख रहा है लेकिन इस बात को जेहन में रखना होगा कि चौथी पारी में बल्लेबाजी का दबाव ऑस्ट्रेलिया की टीम पर है जो किसी भी टीम के लिए भारी दबाव होता है.
पुजारा के शतक के बदौलत ही बची जान
आज अखबारों से लेकर सोशल मीडिया तक हर तरफ चेतेश्वर पुजारा छाए हुए हैं. एक बार फिर उनकी तुलना राहुल द्रविड़ से की जा रही है. ये तुलना तब से ही चल रही है जब पुजारा टीम में नए नए आए थे लेकिन ये सच है कि इस टेस्ट मैच में अगर किसी ने टीम इंडिया को जिंदा रखा है तो वो उनका शतक ही है.
यही टीम इंडिया अगर पहली पारी में 150 रनों के आसपास सिमट गई होती तो आज टेस्ट मैच की कहानी अलग ही दिख रही होती.
एक ऐसे टेस्ट मैच में क्रीज पर टिक कर बल्लेबाजी करना जब 50 रन के पहले-पहले चार बड़े बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके हों तो बड़ा मुश्किल होता है. पुजारा के लिए भी ये मुश्किल था, केएल राहुल, मुरली विजय, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद उन्हें ये पता था कि अब उन्हें ज्यादातर बल्लेबाजी निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ ही करनी है.
127 रन तक पहुंचते-पहुंचते रोहित शर्मा और ऋषभ पंत भी आउट हो चुके थे. बावजूद इसके पुजारा ने अपना संयम कायम रखते हुए बल्लेबाजी की. टीम इंडिया के लिए अच्छी बात ये है कि इस मुश्किल दौरे में चेतेश्वर पुजारा के बल्ले से पहले ही टेस्ट मैच में शतक आ गया जो पूरी सीरीज में उनका आत्मविश्वास कायम रखेगा. इससे पहले इस साल दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भी उन्होंने रन बनाए थे लेकिन शुरूआती मैचों में उन्हें नाकामी ही मिली थी. अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट कोहली को एक ऐसा बल्लेबाज मिल गया है जो देर तक उनका साथ दे सकता है. विराट कोहली पहली पारी में भले ही जल्दी आउट हो गए लेकिन वो अपनी गलतियों से बहुत जल्दी सीखते हैं और अगली पारी में अलग बल्लेबाज नजर आते हैं. इस बात को साबित करने के लिए उनके पास इसी टेस्ट मैच की दूसरी पारी बची है.
भारतीय गेंदबाजो नें जगाई आस
एडिलेड टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने अब तक पुजारा की मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया है. अब उनके ऊपर ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों को जल्दी से जल्दी समेटने की जिम्मेदारी है. भारतीय गेंदबाजों की पूरी कोशिश होगी कि वो पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया से कुछ रनों की बढ़त हासिल करें.
अब तक आर अश्विन ने तीन विकेट लिए हैं, इसके अलावा जसप्रीत बुमराह और ईशांत शर्मा ने भी 2-2 विकेट लिए हैं. मोहम्मद शमी को अब तक कोई कामयाबी नहीं मिली है. वो थोड़े महंगे भी साबित हुए हैं. मोहम्मद शमी को बल्लेबाजी के दौरान दाएं हाथ पर एक गेंद लगी थी. जिसके दर्द की वजह से वो थोड़ी देर के लिए मैदान से बाहर भी हुए थे. वो गेंदबाजी जरूर कर रहे हैं लेकिन ये सवाल बना हुआ है कि कहीं वो चोट उन्हें थोड़ा बहुत परेशान तो नहीं कर रही है.
बावजूद इसके ‘ओवरऑल’ भारतीय गेंदबाजी कमाल की रही है. दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बाद ये तीसरा विदेश दौरा है जहां भारतीय बल्लेबाजों से ज्यादा चर्चा भारतीय गेंदबाजों की हो रही है. टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से ये टीम इंडिया के लिए अच्छी बात है. बशर्ते पुछल्ले बल्लेबाजों से निपटने में भारतीय गेंदबाज वो गलती ना करें जैसी इंग्लैंड में हुई थी. जब सैम कुरेन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे खिलाड़ियों ने मैच के नतीजे पर असर डालने वाले रन जोड़े थे. एडिलेड टेस्ट के दूसरे दिन कॉमेंट्री टीम भी लगातार इसी डर पर बात करती रही.
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