हिंदुस्तान में करीब दस बजकर चालीस मिनट का वक्त था. सोमवार का दिन था इसलिए ज्यादातर लोग ऑफिस पहुंच चुके थे. वैसे भी ऑस्ट्रेलिया में जब खेल शुरू होता है तब हिंदुस्तान में लोग रजाई में दुबके होते हैं. वहां भले ही गर्मी है लेकिन यहां सर्दियां शुरू हो चुकी हैं. अभी हिंदुस्तान में हल्की-हल्की धूप निकली ही थी कि टीवी स्क्रीन पर हवा में मुठ्ठियां लहराते विराट कोहली नजर आए.
ये छठा मौका है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में ही हराया लेकिन ये पहला मौका है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले ही मैच में जीत हासिल की हो.
तूफानी जोश के साथ कुछ कदमों को बढ़ाकर उन्होंने आर अश्विन से ‘हाई फाइव’ किया और उसके बाद दोबारा घूमकर हवा में हाथ लहराया. ये खुशी एडिलेड टेस्ट में एतिहासित जीत की है. ये खुशी एडिलेड में इतिहास रचने की है.
इससे पहले विदेशी जमीन पर भारतीय टीम ने ये कारनामा दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था. इसके अलावा भारतीय टीम इकलौती ऐसी एशियाई टीम हो गई जिसने 2018 में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में एक-एक टेस्ट मैच जीता. जाहिर है बतौर कप्तान विराट कोहली के लिए इस टेस्ट मैच की जीत बहुत बड़ी है. ऑस्ट्रेलियाई टीम अगले टेस्ट मैच से पहले अपनी गलतियों का आंकलन करने के लिए जब-जब इस मैच की रिकॉर्डिंग देखेगी उसे ये दृश्य चुभेंगे. एडिलेड में 31 रनों से मिली जीत के पहले भारत की ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत का लेखाजोखा देखिए-
एडिलेड से पहले पांच बार घर में पिटे कंगारू
इस जीत का सीरीज पर बड़ा असर पड़ेगा. इस असर पर चर्चा करने से पहले एक बार मैच का रूख समझ लेते हैं.
ऐसे एडिलेड में जीती टीम इंडिया
* भारत ने पहली पारी में 250 रन बनाए
* ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 235 रन ही बना पाया
* दूसरी पारी में भारत ने 307 रन बनाए
* ऑस्ट्रेलिया चौथी पारी में 323 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 291 पर ऑलआउट
इस मैच में मिली जीत की जड़ में विराट कोहली का वो आत्मविश्वास भी है जो उन्होंने टॉस के वक्त दिखाया था. टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करके ही संदेश दे दिया था कि वो इस मैच में बहुत ‘पॉजिटिव’ खेल खेलने वाली है. इसके अलावा बड़ी बात ये भी रही कि इस जीत में बतौर बल्लेबाज विराट कोहली का योगदान ना के बराबर रहा. विदेशी जमीन पर विराट कोहली के योगदान के बिना टेस्ट मैच में जीत हासिल करना टीम इंडिया की बड़ी कामयाबी है. आपको बता दें कि इस टेस्ट मैच में विराट कोहली पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में सिर्फ 34 रन ही बना पाए थे.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली इस जीत का बड़ा संदेश टीम ‘एफर्ट’ भी है. चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे की बल्लेबाजी और गेंदबाजी के सामूहिक प्रयासों से टीम को जीत मिली. पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में अर्धशतक लगाने वाले चेतेश्वर पुजारा को मैन ऑफ द मैच चुना गया. तेज गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा तीनों ने शानदार प्रदर्शन किया. दूसरी पारी में आर अश्विन थोड़ा थके हुए जरूर लग रहे थे लेकिन जीत के लिए आखिरी विकेट उन्होंने ही लिया. एक नजर भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन पर डालिए....
सभी गेंदबाजों को मिले विकेट
अब थोड़ी सी बात कंगारुओं की. ऑस्ट्रेलियाई टीम के बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में अच्छा संघर्ष किया. खास तौर पर निचले क्रम के बल्लेबाजों ने टीम इंडिया के गेंदबाजों को काफी परेशान किया. बावजूद इसके पूरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी ‘बैकफुट’ पर रही. पहली पारी में जरूरत से ज्यादा रक्षात्मक खेलने का नुकसान उन्हें उठाना पड़ा. पूरे मैच के दौरान इस बात को लेकर चर्चा होती रही कि मौजूदा टीम स्टीव वॉ, रिकी पॉन्टिंग, एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन या जस्टिन लैंगर की परंपरा वाली टीम लग ही नहीं रही है. अगले टेस्ट मैच के लिए मैदान में उतरने से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम इस पहलू पर गंभीरता से बातचीत करेगी. विराट कोहली की खुशी बरकरार रहे इसके लिए उन्हें भी कई बातों पर गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए, जिसमें पुछल्ले बल्लेबाजों से निपटने की रणनीति प्रमुख है.
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