हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स में कांस्य पदक के लिए खेले गए एक बेहद रोमांचक मुकाबले में भारत ने विश्व की नंबर दो टीम नीदरलैंड को पेनल्टी शूटआउट के जरिये 3-2 से हराकर कांस्य पदक जीता है.
33 साल बाद जीता पदक
भारत ने किसी भी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में 33 साल बाद कोई पदक जीता है. इससे पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में आखिरी बार साल 1982 में एम्सटर्डम में खेली गयी चैंपियन्स ट्राफी में पदक जीता था. उस चैंपियनशिप में भारत ने पाकिस्तान को कांस्य पदक के मुकाबले में 5-4 से हराया था.
भारत और नीदरलैंड कांस्य पदक के इस रोमांचक मुकाबले में नियमित अंतराल तक 5-5 से बराबरी पर थे, जिसके बाद पेनल्टी शूटआउट का सहारा लिया. इसमें भारत ने 3-2 से बाजी मार ली.
इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने नीदरलैंड के हाथों लीग चरण में 1-3 की हार का हिसाब भी बराबर कर लिया है.
आखिरी क्वार्टर में भारत ने मारी बाजी
भारत ने धीमी शुरुआत के बाद आखिरी क्वार्टर में शानदार प्रदर्शन किया. दूसरे हाफ में अपने आक्रामक रवैये से विश्व में दूसरे नंबर की टीम को पस्त करने में भारतीय टीम ने कोई कसर नहीं छोडी.
नीदरलैंड ने मैच शुरु होने के बाद पहले दो क्वार्टर में 2-0 की बढ़त बना ली थी. उसकी तरफ से नौवें मिनट में ये गोल मिर्को प्रूइसर और 25वें मिनट में निक वान डर स्कूट ने किये. इस रोमांचक मुकाबले में आखिरी दस मिनट में छह गोल दागे गये. इनमें से भारत और नीदरलैंड दोनों की तरफ से तीन-तीन गोल किये गये.
(एजेंसी इनपुट्स समेत)
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