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रियो 2016: वाह दीपा! सिर ऊंचा कर दिया, अब मेडल लेकर आओ

रियो 2016 में दीपा वॉल्ट में बेहद कठिन माने जाने वाले प्रोदुनोवा को करने वाली एकमात्र जिम्नास्ट रहीं.

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भारतीय एथलीट दीपा कर्माकर ने रविवार को रियो ओलम्पिक के वॉल्ट के फाइनल में एंट्री कर ली है. 52 सालों के बाद ओलम्पिक खेलों में पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट के तौर पर एंट्री कर उन्होंने इतिहास रच दिया है.

दीपा जिम्नास्टिक की सभी पांच क्वालिफिकेशन सबडिवीजन काॅम्पटीशन को क्वालिफाई कर वॉल्ट में आठवें स्थान पर रहीं. यह फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए आखिरी स्थान था.

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दी कड़ी टक्कर

कलात्मक जिम्नास्टिक के क्वालिफिकेशन सबडिवीजन-3 में दीपा का ओवरऑल प्रदर्शन तो एवरेज रहा, लेकिन वॉल्ट में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई है.

दीपा ने वॉल्ट में बेहद कठिन माने जाने वाले प्रोदुनोवा को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और रियो-2016 में ऐसा करने वाली वह एकमात्र जिम्नास्ट रहीं. हालांकि अमेरिका की सीमोन बाइल्स ने प्रोदुनोवा जैसा कठिन स्टेप न चुनने के बावजूद दिखा दिया है कि दूसरे वॉल्ट आर्ट के जरिए भी अधिक अंक हासिल किए जा सकते हैं.

कठिन होगी राह

सिमोन बाइल्स ने वॉल्ट में 16.050 अंक हासिल कर शीर्ष स्थान के साथ फाइनल में प्रवेश किया, जबकि दीपा 14.850 अंक हासिल कर सबसे निचले आठवें पायदान के साथ फाइनल में पहुंची हैं. इससे साफ है कि दीपा को फाइनल में मेडल लेने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा.

दीपा का ऑल अराउंड परफाॅर्मेंस  एवरेज रहा और उन्होंने 51.665 का स्कोर करते हुए 61 प्रतिभागियों में 51वां स्थान हासिल किया, जबकि ऑल अराउंड के फाइनल में 29वें स्थान तक की कुल 24 खिलाड़ियों ने फाइनल में एंट्री की है.

दीपा अब 14 फरवरी को वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में पदक की दावेदारी पेश करेंगी.

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