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वर्ल्ड चैंपियनशिपः अमित पंघल फाइनल में, पहले भारतीय पुरुष बॉक्सर

भारत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के इतिहास में सिर्फ 4 ही मेडल जीते थे

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रूस के एकातेरिनबर्ग में चल रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय बॉक्सर अमित पंघल ने इतिहास रच दिया है. शुक्रवार 20 सितंबर को 52 किलो वर्ग के सेमीफाइनल में पंघल ने कजाखस्तान के साकेन बिबोसिनोव को हराकर फाइनल में जगह बनाई.

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वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के इतिहास में पंघल पहले भारतीय पुरुष बॉक्सर हैं जिन्होंने फाइनल में जगह बनाई है. इसके साथ ही पंघल ने कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर दिया है. भारत ने आज तक पुरुषों की वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिर्फ 4 मेडल जीते हैं और चारों बार भारत के हाथ ब्रॉन्ज मेडल ही लगे.

52 किलो वर्ग में दूसरी वरीयता प्राप्त एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट पंघल ने कजाखस्तान के बॉक्सर को बंटे हुए फैसले (स्प्लिट डिसीजन) में 3-2 से हराया.

शनिवार 21 सितंबर को होने वाले फाइनल में अमित का सामना रियो ओलंपिक के चैंपियन उजबेकिस्तान के शाखोबिदीन जोइरोव से होगा.

देश के लिए जीतूंगा गोल्ड

सेमीफाइनल में जीत के बाद उत्साहित नजर आए पंघल ने कहा कि ये भारतीय बॉक्सिंग के लिए बड़ी उपलब्धि है और वो फाइनल में देश के लिए गोल्ड जीतने की कोशिश करेंगे.

“मेरा बाउट अच्छा रहा. जितना सोचा था उससे ज्यादा जोर लगाना पड़ा. जितने भी भारतीय हैं और साथी बॉक्सर हैं उनका अच्छा सपोर्ट रहा और उसके लिए मैं धन्यवाद देना चाहूंगा. ये भारतीय बॉक्सिंग के लिए अचीवमेंट है. मै अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा कि देश के लिए गोल्ड जीतूं.”
अमित पंघल
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मनीष कौशिक की हार, मिलेगा ब्रॉन्ज

वहीं दूसरे सेमीफाइनल में भारत के मनीष कौशिक के सामने 63 किलो वर्ग में पहली वरीयता प्राप्त और मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन क्यूबा के एंजी क्रूज गोमेज थे.

क्यूबा के स्टार बॉक्सर के सामने मनीष ने मजबूती से फाइट दिखाई लेकिन डिफेंडिंग चैंपियन गोमेज ने आखिर अपना दबदबा साबित किया.

गोमेज ने मनीष को एकतरफा फैसले में 5-0 से हरा दिया. हालांकि मनीष कौशिक ने पहले ही अपना ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर लिया था. ये पहला मौका होगा जब भारत को वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक साथ दो मेडल मिलेंगे.

पंघल और मनीष से पहले भारत के लिए विजेंदर सिंह ने 2009 में, विकास कृष्ण यादव ने 2011 में, शिवा थापा ने 2015 में और गौरव बिधूड़ी ने 2017 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे. चारों ने ब्रॉन्ज मेडल ही जीते थे.

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