कहते है कि बिजली एक ही जगह पर दोबारा नहीं गिरती है और ऐसे में क्या आईपीएल के इस सीजन में सनराइजर्स इस कहावत को झुठलाते हुए बिजली को तीसरी बार उसी जगह पर गिरा सकती हैं? अब तक इस सीजन में डेविड वार्नर की टीम ने दिल्ली को दोनों मौकों पर हराया है लेकिन सबसे अहम मुकाबला रविवार को खेला जाएगा.
अगर आईपीएल में कोई टीम हर तर्क को झुठलाते हुए कमाल दिखाने का दम रखती है तो वो निश्चित तौर पर हैदराबाद की ही टीम है. आखिर आईपीएल के इतिहास में Eliminator मुकाबला खेलने के बाद ट्रॉफी जीतने वाली (2016 में) इकलौती टीम भी तो हैदराबाद की ही रही है.
दोनों टीमों की यात्रा अब तक सांप-सीढ़ी का खेल
27 सितंबर को पहली बार इस IPL में जब दोनों टीमें टकरायीं तो हैदराबाद से किसी को चमत्कार की उम्मीद नहीं थी क्योंकि वो अपने शुरुआती 2 मैच हार चुकी थी और दिल्ली अपने पहले तीन मैच जीतकर आराम फरमा रही थी. उस समय अंक-तालिका की टॉप टीम और सबसे पिछड़ी टीम का वो मैच था. ठीक एक महीने बाद 27 अक्टूबर को ये दोनों टीमें फिर से भिड़ीं तब स्थिति सिर्फ थोड़ी सी बदली. अब दिल्ली टॉप से नंबर 2 पर थी तो हैदराबद नीचे से नंबर 2 पर!
अतीत और वर्तमान दोनों हैदराबाद के साथ
उन दोनों मौकों पर हैदराबाद ने जानकारों को हैरान करते हुए जीत हासिल की और अब इस सीजन के तीसरे मैच में जीत की सबसे बड़ी दावेदार के तौर पर देखी जा रही है. मौजूदा फॉर्म के अलावा हैदराबाद के पास अतीत का सुनहरा रिकॉर्ड भी है. अब तक दिल्ली ने हैदराबाद के खिलाफ सिर्फ 6 मैच जीते है जबकि लगभग दोगुने (11 मैच) हारे हैं. इत्तेफाक से हैदराबाद इस मैच से पहले लगातार 4 जीत हासिल करते हुए आ रही है तो दिल्ली ने पिछले 6 मैचों में से 5 में हार का मुंह का देखा है.
अफगानिस्तान का पठान राशिद खान
अगर दिल्ली को किसी एक खिलाड़ी से सबसे ज्यादा डर लगता है तो वो हैं हैदराबाद के राशिद खान. पिछले तीन मैचों में राशिद ने भले ही सिर्फ 2 विकेट झटके हों लेकिन दिल्ली कैपिटल्स को देखते ही वो और खतरनाक हो जाते हैं.
दिल्ली के खिलाफ IPL 2020 में राशिद ने 2 मैचों में 6 शिकार किए हैं और इस दौरान उनका इकॉनोमी रेट 2.6 रन प्रति ओवर से भी कम का रहा है.उम्मीदों के दबाव में बिखर सकती है दिल्ली.
देखा जाए तो हैदाराबाद के पास खोने को कुछ भी नहीं है. अगर वो फाइनल में नहीं भी पहुंचते हैं तो उनके मौजूदा सीजन को कामयाब ही माना जाएगा क्योंकि सीमित संसाधन और लगातार चोटों से जूझते हुए वार्न की टीम ने काफी कुछ हासिल किया है.
लेकिन, दिल्ली की टीम के पास उम्मीदों का दबाव है. इस टीम के पास टीम इंडिया के शिखर धवन, रिशभ पंत, श्रैयस अय्यर, अंजिक्या रहाणे और रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ी हैं तो रिकी पोटिंग के तौर पर ऐसा कोच जिसने आईपीएल ट्रॉफी भी जीती है और कप्तान के तौर पर ऑस्ट्रेलिया को लगातार 2 वर्ल्ड कप भी जिताए हैं. क्या 12 साल में कभी भी फाइनल नहीं पहुंचने वाली दिल्ली की टीम इस बार वो काम कर पायेगी जो उसने आज तक नहीं किया?
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