भारत की महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है, उसने सोमवार को अपने से कहीं अधिक मजबूत ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. महिला टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है, ओई हॉकी स्टेडियम नॉर्थ पिच -2 पर खेले गए इस ऐतिहासिक मैच में हाकेरूज नाम से मशहूर ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मैच का एकमात्र गोल 22वें मिनट में गुरजीत कौर ने किया. यह गोल पेनाल्टी कार्नर पर हुआ.
दुनिया की नौवें नंबर की भारतीय टीम ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नंबर -2 ऑस्ट्रेलिया को हराया और पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची.
भारत अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहा है. मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था, मास्को ओलंपिक में महिला हॉकी टूर्नामेंट 25 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चला था, इसमें सिर्फ छह टीमों ने हिस्सा लिया था, जिम्बाब्वे ने पूल चरण के समापन पर पूल के शीर्ष पर स्वर्ण पदक जीता, चेकोस्लोवाकिया और सोवियत संघ ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता.
भारत ने पूल में पांच मैचों में दो जीत हासिल की थी. उसका एक मैच ड्रॉ रहा था जबकि उसे दो मैचों में हार मिली थी। पांच अंकों के साथ भारत अंतिम रूप से चौथे स्थान पर रहा था।
इसके बाद भारत ने 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, लेकिन वह 12 टीमों के टूर्नमेंट में अंतिम स्थान पर रही थी। भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था.
केंद्रीय मंत्री जी.किशन रेड्डी ने भारतीय टीम को बधाई देते हुए कहा- भारत की महिला हॉकी टीम लगभग 40 साल बाद ओलंपिक प्रतियोगिता में आगे बढ़ रही है, मुझे पूरा विश्वास है कि महिला हॉकी टीम भी टोक्यो ओलंपिक में भारत की शान बढ़ाते हुए मेडल लाएगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)