बीते वर्ष शुरू हुई शेयर बाजार की तेजी अब भी जारी है. भारत में कोविड के दूसरी लहर के समय भी बाजार में कोई बड़ा करेक्शन नहीं दिखा. अब जब हालात फिर सामान्य से हैं, शेयर बाजार रोज नयी ऊंचाई को छू रहा है. सेंसेक्स मार्च 2020 के करीब 27 हजार जबकि निफ्टी लगभग 7,500 के स्तर से दोगुना होकर व्यापार कर रहा है.
बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही अपने लाइफटाइम हाई पर हैं. सेंसेक्स पहली बार 54,000 के ऊपर ट्रेड कर रहा है. वहीं निफ्टी ने भी 16,000 का आकड़ा पार किया है.
तेजी की वजह क्या?
पिछले साल 2020 में कोविड के समय देश में रिकॉर्ड नये डीमेट (demat) अकाउंट खुले हैं. SEBI डाटा के अनुसार केवल पिछले वित्त वर्ष में ही 1 करोड़ से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में आये. पिछले वर्ष शेयर बाजार से मिले बम्पर रिटर्न से नये इन्वेस्टर उत्साह से लबरेज हैं.
कभी-कभी शौकिया नये खिलाड़ी प्रोफेशनल्स को हरा देते हैं. भारतीय शेयर बाजार में अब यही हो रहा है. विदेशी निवेशकों (FPIs), जिन्हें अक्सर स्मार्ट मनी का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है, को खुदरा निवेशकों के द्वारा बाजार में की जा भारी खरीदारी के सामने झुकना पड़ा. अधिक वैल्यूएशन वाले बाजार में करेक्शन की तर्कसंगत उम्मीदों पर जुलाई में लगातार बिकवाली करने वाले विदेशी निवेशकों (FPIs) को मोमेंटम न खोने के डर से खरीदारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा.वी. के. विजयकुमार, चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजीस्ट, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज
कुछ जानकार मानते हैं, NFOs के पैसों से रिटेल निवेशक और म्यूचुअल फंड बाजार की वैल्यूएशन की चिंता किए बिना शेयर मार्केट को चला रहे हैं.
जुलाई में फॉरेन इन्वेस्टर्स के द्वारा ₹10,000 करोड़ के स्टॉक्स के सेल के बावजूद डोमेस्टिक इंस्टिट्यूशन और रिटेल इन्वेस्टर बाजार में लगातार खरीदारी करते दिखे जिससे भी बाजार चढ़ा है.
बाजार के भविष्य पर एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट मानते हैं कि शेयर बाजार में अभी और उछाल देखने को मिल सकता है.
मैं बाजार के मोमेंटम को जारी रहते देख रहा हूं. एक तरफ अर्थव्यवस्था के फंडमेन्टलस मजबूत बने हुए हैं, वहीं पिछले कुछ महीनों से बैंकों और वित्तीय सेवा कंपनियों का कलेक्शन सामान्य के करीब रहा है. इससे बाजार को अतिरिक्त कम्फर्ट मिला है.पंकज पाण्डे, हेड ऑफ रिसर्च, ICICIdirect.com
वर्तमान रैली अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अभी भी आने वाले नए निवेशक को पर्याप्त अवसर प्रदान कर सकती है. अर्थव्यवस्था के कई हिस्सों के अभी भी आगे बढ़ने के आसार हैं.एस. रंगनाथन, हेड ऑफ रिसर्च, LKP सिक्योरिटीज
रिटेल निवेशकों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
राजनीतिक या आर्थिक मोर्चे पर कोई बुरी खबर बुल्स की रैली बिगाड़ सकती है. खुदरा निवेशकों को सीधे शेयर बाजार में कारोबार करते समय बहुत सतर्क रहना चाहिए. वे पहले भी ऐसे समय अतीत में कई बार अपनी उंगलियां जला चुके हैं. खुदरा निवेशक अगर करेक्शन फेज के दौरान शेयर खरीदते हैं तो बेहतर है. ज्यादा वैल्यूएशन पर पैसा लगाने से नुकसान हो सकता है.पवन धरनिधार्का, ब्रोकर, BSE
जानकार यह भी मानते हैं कि स्टॉक मार्केट का वैल्यूएशन काफी ज्यादा है. ऐसे में आम निवेशकों को सावधानी के साथ शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए.
कोट सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस
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