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इंसानों को स्पेस में भेजने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बनी SpaceX

दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को लेकर स्पेस रवाना रॉकेट फैल्कन 9

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बिजनेसमैन एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स का पहला रॉकेट दो एस्ट्रोनॉट्स को लेकर शनिवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए निकला. नासा के एस्ट्रोनॉट्स, डग हर्ली और बॉब बेह्नकेन ने दोपहर 3:22 मिनट पर फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से फैल्कन 9 रॉकेट में उड़ान भरी.

इसी के साथ, एलन मस्क की कंपनी पहली प्राइवेट कंपनी बन गई है, जिसने ऑर्बिट में एस्ट्रोनॉट्स को भेजा है. इससे पहले केवल अमेरिका, रूस और चीन की सरकारें ऐसा कर पाई हैं. हर्ली और बेह्नकेन रविवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचेंगे और वहां चार महीनों तक रहेंगे.

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अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन और अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन के बीच, इस मिशन को लॉन्च किया गया.

फैल्कन- 9 रॉकेट को बुधवार, को लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम के कारण इसे टाल दिया गया. इस मिशन के लिए हर्ली और बेह्नकेन पिछले दो हफ्तों से क्वॉरन्टीन में थे और लगातार COVID-19 का टेस्ट ले रहे थे.

नियमित क्रू मिशन के लिए नासा के स्पेस क्रू ड्रग कैप्सूल को सर्टिफाई करने से पहले ये आखिरी टेस्टिंग फ्लाइट है. इस रॉकेट को भेजने के लिए वही लॉन्च पैड इस्तेमाल किया गया, जिससे 1969 में अपोलो 11 के नील आर्मस्ट्रॉन्ग को चांद पर भेजा गया था.

स्पेस एक्स की सफल लॉन्चिंग पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि स्पेस एक्स ड्रैगन कैपसूल पृथ्वी के लो ऑर्बिट में पहुंच गया है और हमारे एस्ट्रोनॉट्स सुरक्षित हैं. इस लॉन्च के साथ ही, कम एक्शन वाले साल खत्म हो गए हैं. अमेरिकी महत्वाकांक्षा का एक नया युग शुरू हो गया है.”

2024 में अमेरिका एस्ट्रोनॉट्स को चांद और मंगल ग्रह पर भेजने के अपने वादे को दोहराते हुए ट्रंप ने कहा, “आज के लॉन्च से स्पष्ट हो गया है कि कॉमर्शियल स्पेस इंडस्ट्री ही भविष्य है.”

2011 में शटल प्रोग्राम खत्म होने के बाद से स्पेस एक्स लॉन्च पहला मिशन है, जिससे अमेरिकी जमीं से अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजा गया है.

एलन मस्क ने स्पेस में अंतरिक्ष में भी संभावनाएं तलाशने के सपने से 2002 में स्पेस एक्स कंपनी की शुरुआत की थी. 2012 तक, स्पेस एक्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कार्गो कैप्सूल डॉक करने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बन गई थी.

इस फ्लाइट ने नासा के लिए 9 साल के इंतजार को भी खत्म कर दिया है. 2011 में स्पेस शटल के खत्म होने के बाद से, नासा अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन लाने-ले जाने के लिए कजाकिस्तान से शुरू किए गए रूसी स्पेसशिप पर निर्भर था.

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