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पाक के ‘TicTic’ को रिपैकेज कर बना TikTok का ‘देसी वर्जन’ Mitron

TicTic ऐप को पाकिस्तान स्थित कंपनी QBoxus ने बनाया था

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TikTok को भारत का जवाब कहे जाने वाले और हाल ही में 50 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किए जाने के लिए खबरों में रहे Mitron ऐप को IIT रुड़की के छात्र ने शायद नहीं बनाया है. क्विंट ने इस ऐप के सोर्स कोड का एनालिसिस किया है, जिससे पता चला कि ये TicTic नाम के ऐप का रिब्रांड किया हुआ वर्जन है. TicTic ऐप को पाकिस्तान स्थित कंपनी QBoxus ने बनाया था.

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11 अप्रैल को लॉन्च हुए इस ऐप को बनाने का क्रेडिट IIT रुड़की के छात्र शिवांक अग्रवाल को दिया जा रहा है. Mitron एक वीडियो-मेकिंग ऐप है, जो यूजर को 15 सेकंड की वीडियो अपलोड करने की इजाजत देता है.

अब पता चला है कि ऐप को अग्रवाल ने खुद नहीं बनाया है. बल्कि उसने TicTic ऐप का कोड खरीदकर उसे रिब्रांड कर दिया.  

Mitron ऐप के सोर्स कोड में TicTic ऐप की कुछ स्ट्रिंग ऐसे ही छोड़ दी गई है. जैसे कि Mitron के कोड में “com.dinosoftlabs.tictic>>Main_Menu>>MainMenuFragment” में अब भी TicTic मौजूद है.

QBoxu ने TicTic ऐप का सोर्स कोड, Code Canyon वेबसाइट पर सेल के लिए डाला था. इस वेबसाइट पर कोई भी पहले से बने साइट, स्क्रिप्ट, प्लगइन एप्लीकेशन खरीद सकता है.  

सोर्स कोड वेबसाइट पर $34 या करीब 2,570 रुपये में उपलब्ध है. हालांकि, Mitron ही इसे अकेला खरीदने वाला नहीं है. Code Canyon वेबसाइट के मुताबिक, TicTic ऐप का सोर्स कोड 274 बार बेचा गया है.

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Mitron का पाकिस्तानी ऐप जैसा ही सोर्स कोड

दोनों ऐप को सतही नजर से देखने पर लगता है कि फीचर एक जैसे ही हैं. लेकिन ये शायद TikTok जैसा अनुभव देने के लिए दिए गए हो सकते हैं. हालांकि, दोनों के सोर्स कोड की जांच करने से जो सामने आया है वो संयोग नहीं हो सकता है.

Mitron और TicTic में लगभग एक जैसे लाइब्रेरी है और कई फंक्शन को करीब-करीब एक जैसे ही नाम दिया गया है. नीचे दोनों ऐप के सोर्स कोड दिए गए हैं.

TicTic ऐप को पाकिस्तान स्थित कंपनी QBoxus ने बनाया था
TicTic लाइब्रेरी
(फोटो: करन सैनी)
TicTic ऐप को पाकिस्तान स्थित कंपनी QBoxus ने बनाया था
Mitron लाइब्रेरी
(फोटो: करन सैनी)
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QBoxus का क्या कहना है?

QBoxus के सीईओ और फाउंडर इरफान शेख ने क्विंट से बातचीत में कहा, "ऐप को 1 अप्रैल 2020 को $34 में खरीदा गया है. डेवलपर ने सिर्फ पैकेज का नाम, ब्रांड का नाम, स्प्लैश स्क्रीन और कुछ स्ट्रिंग में बदलाव करके Mitron ऐप बना दिया है."

हालांकि QBoxus ने साफ किया है कि Mitron ऐप के डेवलपर ने जो किया है, उन्हें उससे कोई दिक्कत नहीं है. कंपनी ने कहा कि ऐप को लॉन्च करने की प्रक्रिया में भी कुछ गलत नहीं है.  

लेकिन कंपनी ने दो मुद्दे उठाए हैं:

  • शिवांक अग्रवाल को ऐप का असली क्रिएटर कहने की बजाय असली ऑथर को पहचान और क्रेडिट देना.
  • खरीदे हुए कोड में मूल बदलाव न होना. इरफान शेख ने कहा, "डेवलपर ने ऐप के बग और दिक्कतों को भी ठीक करना जरूरी नहीं समझा और ऐसे ही प्ले स्टोर पर अपलोड कर दिया."

क्विंट ने Mitron ऐप से इन दावों पर प्रतिक्रिया को लेकर संपर्क किया है. प्रतिक्रिया आने के बाद स्टोरी अपडेट की जाएगी.

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TicTic की सुरक्षा दिक्कतें Mitron में भी

दोनों ऐप में एक कॉमन सुरक्षा की दिक्कत है. ये परेशानी 'फॉलो अकाउंट' एक्शन से जुड़ी है. इस दिक्कत की वजह से कोई भी शख्स गलत इरादों से किसी यूजर को एक अकाउंट को फॉलो करने के लिए बाधित कर सकता है. इसके लिए उसे 'फॉलो यूजर' रिक्वेस्ट के कुछ पैरामीटर में छेड़छाड़ करने होंगे.

Mitron का बैकेंड अलग है

दोनों ऐप का कोड बेस एक है लेकिन दोनों का बैकेंड एक जैसा नहीं है. Mitron ऐप का सर्वर और एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (API) shopkiller.in पर है. वहीं TicTic ऐप bringthings.com कम्यूनिकेट करता है.

इसका मतलब ये है कि Mitron ऐप पर अपलोड हुई वीडियो और यूजर डेटा TicTic ऐप से अलग सर्वर पर स्टोर होता है.

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