सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने 5 जून को भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के निजी अकाउंट से ब्लू टिक, यानी की वेरिफाईड बैज हटा दिया. इसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर की आलोचना भी की. ट्विटर की तरफ से कहा गया कि अकाउंट के लंबे समय तक इनैक्टिव रहने पर ब्लू बैज अपने आप हट जाता है.
ट्विटर पर मिलने वाला ब्लू टिक अकाउंट के ऑथेंटिक होने का प्रमाण है. ये किन लोगों को दिया जाता है? कैसे मिलता है? ट्विटर कब ब्लू टिक हटाता है? जानिए.
ट्विटर पर कौन हो सकता है वेरिफाई?
ट्विटर पर वेरिफाई होने के लिए, अकाउंट का ऑथेंटिक और एक्टिव होना जरूरी है. ट्विटर इन छह तरह के अकाउंट को वेरिफाई करता है:
- -सरकारकंपनियां, ब्रांड्स और गैर-लाभकारी संगठन
- न्यूज ऑर्गनाइजेशन और जर्नलिस्ट
- एंटरटेनमेंट
- स्पोर्स्ट और ईस्पोर्ट्स
- एक्टिविस्ट्, ऑर्गनाइजर्स और दूसरे इंफ्लूएंशल लोग
क्या ट्विटर अपने आप वेरिफाइड बैज हटा सकता है?
ट्विटर की पॉलिसी के मुताबिक, ट्विटर बिना नोटिस दिए अपने आप वेरिफाइड बैज किसी भी समय हटा सकता है. कंपनी ब्लू वेरिफाइड बैज और वैरिफाइड स्टेट्स को इन स्थितियों में हटाती है:
- बिना नोटिस के यूजरनेम बदलने पर
- अकाउंट के सक्रिय ना रहने के चलते
- संबंधित व्यक्ति के पुरानी पोजिशन पर ना रहने (जिसके लिए ट्विटर ने अकाउंट वैरिफाई किया था) के चलते
- लगातार ट्विटर की यूजर पॉलिसी का उल्लंघन करने पर
किन पॉलिसी का उल्लंघन करने पर ट्विटर ब्लू टिक हटाता है?
ट्विटर कुछ नियमों के उल्लंघन पर भी अकाउंट से ब्लू टिक हटा देता है. हालांकि, ट्विटर इन्हें केस दर केस के आधार पर देखता है और ये ऑटोमैटिक नहीं होते. ये हैं:
- अपना नाम या बायो बदलकर ट्विटर पर जानबूझकर लोगों को गुमराह करना
- उल्लंघन जिसके कारण अकाउंट सस्पेंड किया जा सकता है
- ट्वीट्स में इनका बार-बार उल्लंघन- हेटफुल कंडक्ट, अपमानजनक व्यवहार, हिंसा नीति का महिमामंडन, प्राइवेट इंफॉर्मेशन पॉलिसी आदि.
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