इंटरनेट की दुनिया में कभी yahoo.com का नाम सबसे ज्यादा मशहूर था. लेकिन अब उसी याहू का अस्तित्व खत्म हो रहा है. साल 1994 में शुरू हुई याहू वेबसाइट का नाम अब अल्टाबा हो जाएगा. क्योंकि वेरिजोन कम्युनिकेशंस ने याहू को 4.83 मिलियन डॉलर में खरीद लिया है.
याहू ने सार्वजनिक सूचना में यह घोषणा की है. याहू और वेरिजॉन की इस डील में याहू के डिजिटल एडवर्टाइजिंग, ईमेल और मीडिया संपत्तियां भी शामिल हैं.
खबरों के मुताबिक, इस समझौते के बाद जो बचा-खुचा कारोबार याहू के पास बचेगा, उसका नाम बदलकर अल्टाबा कर दिया जाएगा.
वहीं कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि सीईओ मेरिसा मेयर भी अपने पद से जल्द इस्तीफा देंगी. और साथ ही याहू के को-फाउंडर डेविड फिलो भी अब कंपनी बोर्ड से खुद को दूर कर लेंगे.
याहू बनेगा ‘अल्टाबा’
वॉशिंगटन पोस्ट अखबार के मुताबिक, याहू का नया नाम ‘अल्टाबा’ दरअसल अलीबाबा से ही लिया गया है. अल्टाबा नाम का मतलब 'ऑल्टरनेटिव एंड अलीबाबा' है जिसे छोटा करके ‘अल्टाबा’ कहा जा रहा है. अलीबाबा में याहू की 15 फीसदी हिस्सेदारी है. नए नाम के पीछे मकसद यह है कि ‘अल्टाबा’ के शेयरों को लोग अलीबाबा के साथ जोड़कर देखें.
गूगल और फेसबुक चैट के आने से पहले भारत और पूरी दुनिया में याहू का ई-मेल और मैसेंजर काफी लोकप्रिय था. तब याहू मैसेंजर की मदद से यूजर्स नए-नए लोगों से चैटिंग करते थे.
याहू का भारत कनेक्शन
जब याहू ने भारत में अपनी शुरुआत की थी तब याहू के फाउंडर जैरी यांग ने इसका उद्घाटन फिल्म जगत के मशहूर एक्टर शम्मी कपूर से कराया था. मुंबई में उद्घाटन समारोह में ऑर्केस्ट्रा ने शम्मी कपूर का मशहूर गाना “याहू! चाहे कोई मुझे जंगली कहे" बजाय था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)