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रिलायंस Jio आने के बाद कंपनियों में सस्ता डेटा देने की जंग शुरू

टेलिकॉम इंडस्ट्री में अगले दो सालों तक डेटा सर्विसेज की मदद से हर साल 30% की दर से बढ़ेगा कंपनियों का रेवेन्यू.

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रिलायंस जियो की लॉन्चिंग के बाद अनलिमिटेड फ्री डेटा और वॉयस कॉलिंग से जियो यूजर्स के अच्छे दिन जरूर आए हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या इससे भारतीय टेलिकॉम इंडस्ट्री पर इसका असर पड़ रहा है.

इंडस्ट्री में तेजी से बदलते टैरिफ प्लांस पर नजर डालें तो ये साफ होता है कि शीर्ष कंपनियों ने रेवेन्यू हासिल करने के लिए वॉयस कॉलिंग की जगह डेटा की ओर रुख करना शुरु कर दिया है. आसान शब्दों में इसका मतलब ये है कि अब लोगों को अपना टैरिफ प्लान कॉलिंग के मुताबिक नहीं अपनी डेटा जरूरत के मुताबिक लेना होगा. क्योंकि, धीरे-धीरे सभी कंपनियां वॉयस कॉलिंग को पूरी तरह फ्री कर रहे हैं.

एयरटेल के बाद अब वोडाफोन भी तकरीबन समान दरों पर पोस्टपेड प्लान लेकर आई है. इसे वोडाफोन रेड का नाम दिया गया है. इस स्कीम में 499 रुपये के प्लान से लेकर 2999 रुपये के प्लान पर अनलिमिटेड कॉलिंग फ्री है. इन सारे प्लांस में अगर अंतर है तो वो है डेटा से जुड़ा हुआ अंतर. उदाहरण के लिए, 499 रुपये के प्लान पर 1 जीबी डेटा है तो 2,999 रुपये के प्लान पर 30 जीबी डेटा अवेलेबल है.

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भारतीय बाजार में बड़ी प्लेयर बनकर उभरेगी रिलायंस जियो

एक्सपर्ट्स की राय मानें तो साल 2020 तक रिलायंस जियो भारतीय टेलिकॉम बाजार की एक बड़ी प्लेयर बनकर उभरेगी. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो 7 करोड़ के करीब यूजर्स को जुटाने में सफल हो चुकी है.

एयरटेल के सीइओ सुनील मित्तल ने हाल ही में कहा है कि रिलायंस जियो के आने से मार्केट कंसोलिडेट यानी एकीकरण होने की संभावना विकसित होती है. उन्होंने कहा था कि रिलायंस जियो के आने से सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि छोटे-छोटे प्लेयर्स मार्केट में कम हो जाएंगे.
टेलिकॉम इंडस्ट्री में अगले दो सालों तक डेटा सर्विसेज की मदद से हर साल 30% की दर से बढ़ेगा कंपनियों का रेवेन्यू.

आर्थिक मामलों से जुड़ी अमेरिकी संस्था मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, साल 2016 में लॉन्च हुई रिलायंस जियो साल 2020 तक भारतीय बाजार के 20% हिस्से को अपने कब्जे में कर लेगी. इसके साथ ही शीर्ष कंपनियां जैसे एयरटेल और वोडाफोन का मार्केट शेयर कम होगा.

रिलायंस जियो ने भारतीय बाजार में डेटा की मदद से रेवेन्यू कमाने का चलन शुरु किया है. एयरटेल और वोडाफोन ने भी इसके बाद डेटा की तरफ जाना शुरु कर दिया है.

सीएलएसए से जुड़े एनालिस्ट्स के मुताबिक, अगले दो सालों तक टेलिकॉम सेक्टर का रेवेन्यू डेटा सर्विसेज की मदद से हर साल 30% की दर से बढ़ने की संभावना है.

ऐसे में ये कहा जा सकता है कि रिलायंस जियो आने के बाद बदलती टेलिकॉम इंडस्ट्री में अच्छी स्पीड पर सस्ता डेटा देने को लेकर शुरु हुई जंग मोबाइल यूजर्स को सीधे-सीधे फायदा पहुंचा रही है.

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