ADVERTISEMENTREMOVE AD

एयर इंडिया,डोमिनोज,मोबिक्विक..इस साल कब-कब हुए भारत में साइबर हमले

एयर इंडिया के पहले मार्च और अप्रैल में कई मशहूर कंपनियों का डेटा उड़ाकर हैकर्स ने डार्क वेब पर डाला था

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

भारत में डेटा ब्रीच की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. शुक्रवार को सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया ने बताया कि उनके कस्टमर डेटाबेस में सेंधमारी हुई है.

लेकिन डेटा ब्रीच की यह इस साल की पहली घटना नहीं है. इससे पहले डोमिनोज इंडिया, पेमेंट ऐप मोबिक्विक, बिग बास्केट, अपस्टॉक्स और मनीकंट्रोल के डेटा में भी सेंधमारी हो चुकी है. लेकिन यह तो वो घटनाएं हैं, जब कंपनियों ने अपने डेटा ब्रीच के बारे में जानकारी सार्वजनिक कर दी. कई मौकों पर तो कंपनियां बदनामी के डर से इस बारे में जानकारी ही नहीं देतीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एयर इंडिया के डेटा सर्वर पर हमला

एयर इंडिया ने अपने विस्तृत बयान में बताया है कि- 'पैसेंजर के डेटा को मैनेज करने के लिए जो सर्विस सिस्टम है उस पर बीते दिनों साइबर सिक्योरिटी अटैक हुआ था, इसी की वजह से पैसेंजर्स का पर्सनल डेटा लीक हो गया. इससे करीब 45 लाख डेटा पर असर हुआ है. हमें डेटा प्रोसेसर से इस बारे में पहली जानकारी 25 फरवरी को पता चली.'

कंपनी ने बताया है कि आगे ऐसा ना हो इसके लिए उन्होंने डेटा सेफ्टी से जुड़े अहम कदम उठाए हैं. इसके अलावा इस घटना की जांच के लिए पहल की है. सर्वर को बेहतर बनाने, डेटा सिक्योरिटी पर विशेषज्ञों की सलाह पर काम करना शुरू किया है.

एयर इंडिया का कहना है कि- हमारे डेटा प्रोसेसर ने ये सुनिश्चित किया है कि सेंधमारी के बाद से डेटा को लेकर कोई भी गड़बड़ी ना हो.

डोमिनो इंडिया का डेटा ब्रीच

16 अप्रैल 2021 को हैकर्स ने दावा किया कि उन्हें डोमिनो इंडिया के सर्वर का एक्सेस मिल गया है और उन्होंने 13 टीबी डेटा डॉउनलोड कर लिया है. इस डेटा में कर्मचारियों और ग्राहकों की जानकारियां थीं.

हैकर्स ने यह भी दावा किया कि उन्हें दस लाख से ज्यादा क्रेडिट कार्ड की जानकारी भी हासिल हुई है, जिनका इस्तेमाल ऑर्डर देने के लिए डोमिनोज की साइट पर किया गया था.

मोबिक्विक डेटा ब्रीच

1 अप्रैल को रिपोर्ट आई कि डार्क वेब में हैकर फोरम पर करीब एक करोड़ दस लाख मोबिक्विक उपभोक्ताओं का डेटा बेचा जा रहा है. 8.2 टीबी साइज के इस डेटा में ग्राहकों के केवायसी दस्तावेज, आधार कार्ड, क्रेडिट कार्ड, मोबिक्विक वॉलेट से जुड़े मोबाइल फोन की जानकारियां थीं.

मोबिक्विक के डेटा के ब्रीच होने का दावा पहली बार राजशेखर राझारिया ने मार्च की शुरुआत में किया था. उन्होंने पहले भी कई डेटा लीक की सूचना दी है.

बिग बॉस्केट डेटा लीक

25 मार्च को खबर आई कि ग्रोसरी प्लेटफॉर्म बिग बास्केट के 2 करोड़ उपभोक्ताओं का डेटा डार्क वेब पर बिक रहा है. इसमें ईमेल, फोन नंबर और हैश्ड पासवर्ड मौजूद थे. बताया गया कि डेटा में उपभोक्ताओं का पता, जन्म तारीख और दूसरी चीजें भी थीं. यह डेटा कुख्यात हैकर्स शाइनीहंटर्स ने डार्क वेब पर डाला था.

पढ़ें ये भी: नेपाल: संसद का निचला सदन हुआ भंग, चुनाव की तारीखों का ऐलान

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें