Motherboard के द्वारा एक्सेस किए गए एक लीक आंतरिक डॉक्यूमेंट से पता चला है कि फेसबुक (Facebook) को नहीं पता है कि यूजर्स का डेटा कहां जाता है या प्लेटफॉर्म इसका उपयोग कैसे करता है. ग्लोबल प्राइवेसी रेगुलेशन्स में ‘सुनामी’ के रूप में जाना जाने वाला डॉक्यूमेंट नोट करता है कि इसका सिस्टम ओपन बॉर्डर्स के साथ बनाया गया है, जिसका डेटा फ्लो पर कोई नियंत्रण नहीं है.
प्लेटफॉर्म के प्राईवेसी इंजीनियरों द्वारा 2021 में एड एंड बिजनेस प्रोडक्ट टीम द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कंपनी के पास "हमारे सिस्टम डेटा का उपयोग कैसे करते हैं, इसका पर्याप्त रूप से नियंत्रण" नहीं है.
लीक हुए डॉक्यूमेंट से पता चला कि कैसे टीम ने यूजर्स के डेटा पर फेसबुक के कमजोर कंट्रोल पर सवाल उठाया, साथ ही उसने दुनिया भर के रेगुलेटर्स के साथ परेशानी से बचने के लिए फेसबुक का उपयोग करने के तरीके में बदलाव का आह्वान किया.
Motherboard ने लिखा कि फेसबुक के इंजीनियरों ने खुद माना था कि वे इसके लगभग तीन अरब-मजबूत यूजर्स बेस का डेटा ट्रैक रखने के लिए संघर्ष कर रहे थे. रिपोर्ट के पीछे इंजीनियरों की टीम ने इस पर अपनी राय व्यक्त की कि कैसे कंपनी रेगुलेटर्स को आश्वस्त करने में सक्षम नहीं होगी, जो पहले से ही इस पर काम कर रहे हैं कि कैसे बड़े प्लेटफॉर्म की यूजर्स डेटा तक पहुंच को सिमित किया जा सके.
2021 में 'द फेसबुक पेपर्स' नाम के कई डॉक्यूमेंट्स के लीक होने के बाद Meta के स्वामित्व वाली कंपनी फेसबुक बार-बार सुर्खियों आती दिखी थी, जिससे पता चलता है कि कंपनी इस बात को जानती थी कि कैसे उसके प्लेटफॉर्म ने दुनिया के कुछ हिस्सों में नफरत और हिंसा को बढ़ावा दिया.
Daily Mail की रिपोर्ट के मुताबिक प्लेटफॉर्म के सामने अपने यूजर्स के डेटा का उपयोग करने के लिए 2018 में एक चुनौती आई, जब यूरोपीय यूनियन के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) के द्वारा अनिवार्य किया गया कि प्लेटफॉर्म द्वारा जमा किए गए प्रत्येक यूजर्स के डेटा का प्रयोग केवल खास उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है और किसी भी चीज के लिए पुन: उपयोग नहीं किया जा सकता है.
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