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आगरा: BJP ने घर-घर फ्री राशन बांट लॉकडाउन में ही Maya से छीन ली ताजनगरी की जमीन

आगरा दलितों की राजधानी है, जहां 2007 और 2012 में बीएसपी का दबदबा था. लेकिन 2014 के चुनाव के बाद बीएसपी कमजोर हुई है.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Elections Results 2022) के चुनावी नतीजों में कई दिलचस्प चीजें देखने को मिल रही हैं. ताजनगरी आगरा के चुनावी परिणाम भी चौंकाने वाले हैं. आगरा जनपद में जहां बीएसपी का वोट काफी ज्यादा रहा है, वहीं इस बार बीएसपी अपनी जमीन खोती हुई नजर आ रही है. बीजेपी ने एक बार फिर 2017 की जीत को बरकरार रखते हुए यहां की सारी 9 सीटों पर जीत हासिल की है.

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आगरा दलितों की राजधानी रही है, जहां 2007 में 6 और 2012 के चुनाव में सात विधायक बीएसपी से चुने गए थे. लेकिन 2014 के चुनाव के बाद बीएसपी कमजोर हुई. कोरोना काल में आगरा के जूता और पेठा उद्योग जब संकट में थे तब बीएसपी की सिर्फ सोशल मीडिया पर उपलब्धता होने की वजह से बीएसपी का दलित वोट बीजेपी की ओर खिसक गया.

कोरोना काल के दौरान जब यहां लोगों को खाने के पैकेट्स बंटने लगे, घर-घर फ्री राशन मिलने लगा, दलित मतदाता बीजेपी को बीएसपी के विकल्प के रूप मे देखने लगा. खासतौर पर युवा और महिला वोटरों ने बीजेपी की ओर उम्मीदों से देखा. कोरोना काल में पीएम आवास, स्वनिधि योजना और सरकारी योजनाओं ने वोटरों को लुभाया.

सभी नौ सीटों पर जिस तरह से बीएसपी के वोट शेयर में कमी आई है उसमें सरकारी योजनाओं ने अहम भूमिका निभाई है.

वहीं आगरा से लंबे समय से सियासी जमीन तलाश रही एसपी को इस बार हर सीट पर अच्छी तादात में वोट मिला है. आखिरी समय तक टिकट बंटवारे में उलझे रहने से एसपी को नुकसान पहुंचा. अगर एसपी जल्द टिकट वितरण में थोड़ी फुर्ती दिखाती तो चुनाव परिणाम बदल सकते थे.

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ताजनगरी की किस सीट पर क्या है स्थिति?

आगरा उत्तर

जीते- पुरुषोत्तम खण्डेलवाल (बीजेपी)- 1,53,165 वोट

दूसरे- शब्बीर अब्बास (बीएसपी)- 41,281 वोट

तीसरे- ज्ञानेंद्र गौतम (एसपी)- 34,105 वोट

चौथे- विनोद बंसल (कांग्रेस)- 5,910 वोट

आगरा दक्षिण

जीते- योगेंद्र उपाध्याय (बीजेपी)- 1,09,262 वोट

दूसरे- विनय अग्रवाल (एसपी)- 52,467 वोट

तीसरे- रवि भारद्वाज (बीएसपी)- 38118 वोट

चौथे- अनुज शर्मा (कांग्रेस)- 4,860 वोट

छावनी

जीते- जी एस धर्मेश (बीजेपी)- 1,17,352 वोट

दूसरे- कुवंर चंद वकील (एसपी)- 68,803 वोट

तीसरे- भारतेन्दु अरुण (बीएसपी)- 52,216 वोट

चौथे- सिकंदर वाल्मीकि (कांग्रेस)- 5,548 वोट

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ग्रामीण

जीतीं- बेबी रानी मौर्य (बीजेपी)- 1,36,691 वोट

दूसरे- किरण केसरी (बीएसपी)- 60,503 वोट

तीसरे- महेश जाटव (एसपी)- 52,325 वोट

चौथे- उपेन्द्र सिंह (कांग्रेस)- 3,740 वोट

फतेहाबाद

जीते- छोटेलाल वर्मा (बीजेपी)- 1,08,572 वोट

दूसरे- रूपाली दीक्षित (एसपी)- 55,185 वोट

तीसरे- शैलू जादौन (बीएसपी)- 40986 वोट

चौथे- होतम सिंह (कांग्रेस)- 683 वोट                    

एतमादपुर

जीते- धर्मपाल सिंह (बीजेपी)- 1,46,273 वोट

दूसरे- राकेश बघेल (बीएसपी)- 98,414 वोट

तीसरे- वीरेंद्र सिंह (एसपी)- 48,413 वोट

चौथे- शिवानी बघेल (कांग्रेस)- ,1315 वोट              

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फतेहपुर सीकरी

जीते- बाबूलाल (बीजेपी)- 1,11,519 वोट

दूसरे- ब्रजेश चहर (एसपी)- 64,508 वोट

तीसरे- मुकेश राजपूत (बीएसपी)- 59,530 वोट

चौथे- हेमंत सिंह (कांग्रेस)- 1,184 वोट

खैरागढ़

जीते- भगवान सिंह (बीजेपी)- 96,089 वोट

दूसरे- राम नाथ सिंह (कांग्रेस)- 59,961 वोट

तीसरे- गंगाधर (बीएसपी)- 28,915 वोट

चौथे- रोहतान (एसपी)- 13,837 वोट                              

बाह

जीतीं- रानी पक्षालिका (बीजेपी)- 77,961 वोट

दूसरे- मधुसूदन शर्मा (एसपी)- 53,780 वोट

तीसरे- नितिन वर्मा (बीएसपी)- 50,455 वोट

चौथे- मनोज दीक्षित (कांग्रेस)- 1,218 वोट           

जिले में वोटिंग शेयर  

कुल मत- 21,16,964

बीजेपी- 10,60,628

वोट शेयर- 50.10%    

बीएसपी- 4,73,772

वोट शेयर- 22.38%

एसपी गठबंधन- 4,46,157    

वोट शेयर- 21.07%

कांग्रेस- 84,661      

वोट शेयर- 3.99%

अन्य- 51,746        

वोट शेयर- 2.46%                                    

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राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार राजीव दीक्षित के "अनुसार महिलाओं में सुरक्षा की भावना और कोरोना काल में फ्री राशन ने योगी सरकार पर भरोसा बढ़ाया है. दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना में योगी की कार्यशैली बेहतर नजर आई है."

वो कहते हैं, आगरा दलितों की राजधानी है, पर बीएसपी की जगह दलितों को योगी से सुरक्षा और सुशासन महसूस हुआ है. बीजेपी ने मुस्लिम ही नहीं, हर वर्ग में अपनी पैठ बनाई. मुस्लिम महिलाओं ने अपने मन से वोट दिए. यहां तक कि किसी परिवार में यदि पांच लोग वोट देने वाले हैं तो सबने स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

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