उत्तर प्रदेश चुनाव (UP Elections) इस बार काफी दिलचस्प होने जा रहे हैं. पहले एक वक्त तक जहां तमाम सर्वे बीजेपी की बड़ी जीत दिखा रहे थे, वहीं अब राज्य में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. इसी बीच तमाम विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ रणनीति तैयार करने में जुट चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और एसपी चीफ अखिलेश यादव की अब आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के साथ मुलाकात हुई.
मुलाकात के बाद क्या बोले संजय सिंह?
दोनों के बीच दूसरी बार हुई इस मुलाकात के बाद कहा जा रहा है कि AAP और समाजवादी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है. ये भी कहा जा रहा है कि अखिलेश और संजय सिंह के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत हुई है. हालांकि अभी तक कुछ फाइनल नहीं हो पाया है. आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने इस बातचीत के बाद कहा कि,
"अखिलेश यादव के साथ मुलाकात हुई. उत्तर प्रदेश को बीजेपी से मुक्त कराने के लिए एक सामान्य मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा हुई. गठबंधन को लेकर बातचीत तय होगी तो जानकारी दी जाएगी. सीटों को लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है."आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह
AAP-SP के गठबंधन के मायने
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर समाजवादी पार्टी यूपी की राजनीति में डेब्यू करने वाली आम आदमी पार्टी से गठबंधन करती है तो चुनाव में इसका क्या फायदा होगा? अखिलेश यादव की कोशिश होगी कि वो आम आदमी पार्टी के पक्ष में जो भी थोड़ा बहुत माहौल बना है, उसे छिटकने न दें. ऐसे में आप के साथ गठबंधन एक अच्छा सौदा हो सकता है. क्योंकि आम आदमी पार्टी को दी जाने वाली सीटों के अलावा बाकी सीटों पर AAP समर्थक वोटरों का साथ पार्टी को मिलेगा. करीब 19 फीसदी मुस्लिम वोटर, जिन पर पूरे विपक्ष की निगाहें हैं, उसके बंटने का खतरा भी थोड़ा बहुत टल जाएगा.
अब अगर आम आदमी पार्टी की बात करें तो वो अपने दिल्ली मॉडल के दम पर यूपी की सियासत में घुसने की कोशिश कर रही है. लेकिन बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के दम पर यूपी में सेंध लगा पाना पार्टी के लिए मुश्किल है, क्योंकि चुनावी बिगुल बजते ही यहां ऐसे तमाम जमीनी मुद्दे हवा हो जाते हैं. ऐसे में पार्टी को अगर यूपी की दूसरे नंबर की पार्टी एसपी का साथ मिलता है तो राज्य में खाता खुल सकता है.
आम आदमी पार्टी ने निकाय चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारकर माहौल परखने की कोशिश की थी. करीब 3 हजार उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की बात हुई थी. नतीजों के बाद पार्टी ने दावा किया था कि 80 से ज्यादा सीटों पर जिला पंचायत सदस्यों की जीत हुई है. इसके बाद पार्टी ने नारा दिया था - "त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तो झांकी है, यूपी विधानसभा चुनाव बाकी है."
कितनी सीटों पर बन सकती है बात?
पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव आम आदमी पार्टी को 15 से 20 सीटें दे सकते हैं. हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से ज्यादा सीटों की मांग की गई है, जिसे लेकर ये बातचीत का दौर जारी है. संजय सिंह की अखिलेश से दूसरी मुलाकात के बाद अब सीट शेयरिंग को लेकर बात बनती हुई नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि अगर सब ठीक रहा तो इसे लेकर जल्द ऐलान हो सकता है.
इससे पहले अखिलेश यादव ने आरएलडी चीफ जयंत चौधरी से मुलाकात की थी. जयंत चौधरी से मुलाकात करने के बाद अखिलेश ने उनके साथ एक फोटो भी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने लिखा कि जयंत चौधरी जी के साथ बदलाव की ओर... यानी दोनों के बीच सीट शेयरिंग का जो पेच फंसा था, वो अब सुलझ गया है. बताया जा रहा है कि आरएलडी को करीब 36 सीटें दी जा सकती हैं.
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