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वाराणसी में चुनाव को रोमांचक बनाने वाले डॉ. नीलकंठ तिवारी कैबिनेट से हुए बाहर

वाराणसी की दक्षिणी विधानसभा सीट इस बार के चुनाव में हर चौराहे पर चर्चा का विषय बनी रही.

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Elections 2022) में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) की सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणी विधानसभा सीट पर मुकाबला रोमांचक बनाने वाले विधायक और मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी (Dr. Neelkanth Tiwari) को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

शुक्रवार 26 मार्च को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह (Yogi Cabinet Oath Ceremony) में वाराणसी के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और पूर्व मंत्री अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री, शहर उत्तरी के विधायक और मंत्री रविंद्र जायसवाल को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेदारी दी गई है. सभी ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शपथ ली.

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वाराणसी की दक्षिणी विधानसभा सीट इस बार के चुनाव में हर चौराहे पर चर्चा का विषय बनी रही. विधायक और मंत्री रहे प्रत्याशी नीलकंठ से जनता की नाराजगी किसी से छुपी नहीं थी. हर कोई प्रत्याशी बदलने की मांग कर रहा था, ऐसे में प्रधानमंत्री ने अपने लोकसभा क्षेत्र के किसी भी विधायक का टिकट तो नहीं काटा, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें सबसे अधिक समय दक्षिणी विधानसभा में ही देना पड़ा.

पीएम ने अपने बल पर दक्षिणी विधानसभा सीट जितवा तो ली, लेकिन इस बार की कैबिनेट में नीलकंठ को जगह नहीं मिली.

बता दें कि दक्षिणी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और प्रतिष्ठित महामृत्युंजय मंदिर के महंत के बेटे कामेश्वर दीक्षित किशन ने बीजेपी प्रत्याशी नीलकंठ को कड़ी टक्कर दी थी. मोदी का मैजिक ही था कि आखिरी के तीन चरण में बीजेपी अपना परचम लहरा पाई.

चार दशक से दक्षिणी विधानसभा सीट पर बीजेपी का है कब्जा

वाराणसी की दक्षिणी विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए चार दशक से सेफ मानी जाती है. श्यामदेव राय चौधरी दादा ने यहां से छह बार कमल खिलाया था. 2017 में नीलकंठ को मौका मिला और वह भी यहां से विजई हुए. इस बार भी बीजेपी ने अपना दबदबा दक्षिणी विधानसभा सीट पर कायम रखा है.

अनिल राजभर, रविंद्र जयसवाल और दयालु का बढ़ा कद, नीलकंठ बाहर

उत्तर प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे अनिल राजभर को इस बार भी कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. शिवपुर विधानसभा से दोबारा विधायक चुने गए अनिल ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को हराया है.

वहीं राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) स्टाम्प, न्यायालय शुल्क एवं निबंधन विभाग संभाल चुके शहर उत्तरी के विधायक रवीन्द्र जायसवाल को इस बार भी राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

उधर, पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र दयालु को सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेदारी सौंपी है. जबकि उत्तर प्रदेश के पर्यटन संस्कृति धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे दक्षिणी विधानसभा के विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी को इस बार कैबिनेट से बाहर कर दिया गया है.

(न्यूज इनपुट्स - चन्दन पांडेय)

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