19 अगस्त को त्रिशूर जिले के अंदरूनी इलाके में भारतीय नौसेना के जवानों ने युवा सब-लेफ्टिनेंट, पुल्कित सोनी के नेतृत्व में साहसिक बचाव कार्य किया. 6 रस्सियों की मदद से बाढ़ में फंसे 109 गांववालों को बचा लिया गया.
केरल में आई बाढ़ ने पूरे प्रदेश में तबाही मचाई है. अब तक 417 लोग जान गंवा चुके हैं. सेना और एनडीआरएफ सहित कई एजेंसियां लगातार वहां बचाव के काम में जुटी हैं. आपदा की इस घड़ी में सेना की मदद से वहां के लोग काफी खुश हैं और सेना का शुक्रिया अदा कर रहे हैं. अब भी कई जगह फंसे लोगों को सेना के जवान निकालने के लिए लगातार मशक्कत कर रहे हैं.
19 अगस्त को, हमें त्रिशूर जिले के एक काफी अंदरूनी इलाके में टूटे हुए पुल और सड़क के बारे में जानकारी दी गई. गर्दन तक 5 फीट गहरे पानी में उतरकर सिविल पुलिस के बताए रास्ते से हम प्रभावित इलाके में पहुंचे. वहां हमें तेज धारा की दूसरी तरफ फंसे 109 लोगों को निकाल, सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना था. समय काफी अहम था. हमने बचाव के लिए नाव उतारनी चाही लेकिन तेज धारा की वजह से हम ये नहीं कर पा रहे थे. हमने अपनी सूझबूझ और हमारे सीमैनशिप ट्रेनिंग का इस्तेमाल किया. 6 रस्सियों को जोड़कर, टूटे हुए पेड़ों और पुल के हिस्सों का इस्तेमाल कर हमने वहां फंसे लोगों को बचाया.पुल्कित सोनी
क्या हैं केरल के ताजा हालात?
शुक्रवार को मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने केरल के ताजा हालात पर चर्चा की. उनकी ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सैकड़ों लोग राहत शिविरों से घरों को लौट रहे हैं, फिर भी अभी 8.69 लाख लोग 2,787 राहत शिविरों में हैं.
विजयन ने मीडिया से कहा कि 29 मई से मानसून की बारिश शुरू होने से मौतें होनी शुरू हो गईं थीं लेकिन आठ अगस्त से 265 लोगों के मौत होने की सूचना है, जब मूसलाधार बारिश की वजह से राज्य में भयावह बाढ़ आ गई. केरल में ये सदी की सबसे भयावह बाढ़ है.
विजयन ने कहा कि 36 लोग लापता हैं.
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित लोगों से केरल सरकार की वेबसाइट पर अपने नुकसान की जानकारी देने की गुजारिश की है.
बाढ़ की वजह से 7,000 घर पूरी तरह से बर्बाद हुए हैं और करीब 50,000 घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है.
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