बीती 8 नवंबर से देश की करेंसी में 1000 रुपये का नोट कम हो गया. बटुओं से कैश कम हो गया. लोगों का चैन कम हो गया. गर्भवती माएं, बूढ़ी औरतें और नौकरीपेशा लोग लगे हैं. एटीएम और बैंकों की लाइनों में. देश की नहीं कैश की खातिर...पर लाइनों में बेहोश होने पर भी शिकायत नहीं कर सकते क्योंकि शिकायत करना देशद्रोह है. लाइनों की तुलना सरहद से की जा सकती है.
क्विंट हिंदी ने कैशलैस होते इंडिया के इस माहौल में हरियाणा के रेवाड़ी जाकर देशसेवा कर चुके पूर्व सैनिकों से बात एटीएम लाइनों की सरहद से तुलना पर बात की.
पूर्व सैनिकों ने पीएम मोदी के इस फैसले पर अपनी सहमति की मुहर लगाई है लेकिन सैनिकों में फैसले के अमलीकरण को लेकर रोष है. देखें ये खास वीडियो...
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टॉपिक: नोटबंदी
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