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न्यू इंडिया चैलेंज पर मंथन में जुटे केंद्र-राज्यों के आला अधिकारी

दिल्ली में चीफ सेक्रेटरीज कॉन्क्लेव में पीएम मोदी का विजन 2022 के ‘न्यू इंडिया’ चैलेंज पर मंथन करने के लिए एकसाथ आए

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पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने ‘न्यू इंडिया के निर्माण में राज्यों की भूमिका’ मुद्दे पर चीफ सेक्रेटरीज कॉन्क्लेव का दिल्ली में आयोजन किया.

इस मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर आए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा:

नरेंद्र मोदी सरकार के आने से पहले भारत में खराब शासन के चलते किसी के लिए भी व्यापार शुरू कर पाना और निवेश करना आसान नहीं था. लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद न सिर्फ शासन में सुधार आया है, बल्कि देश के सभी प्रमुख विभागों में काम-काज के तौर-तरीकों में भी सुधार और तेजी आई है.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा:

पिछले तीन साल में गुजरात के बाद तेलंगाना, झारखंड और छत्तीसगढ़ में लेबर और निर्माण कानून में बहुत सुधार हुआ है. साथ ही पश्चिम और दक्षिण भारत में स्वास्थ्य, पीने के पानी और खेती पर बहुत काम हुआ है. न्यू इंडिया के निर्माण के लिए पुराने तौर-तरीकों को छोड़कर नई तकनीक को अपनाना होगा.

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वाइस प्रेसिडेंट राजीव तलवार ने क्विंट को बताया:

न्यू इंडिया का हिस्सा बनने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और अर्थव्यवस्था पर काम करना होगा, जिसके लिए केंद्र, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर को साथ मिलकर काम करना होगा.

कॉन्क्लेव में मौजूद ट्विटर इंडिया के एमडी तरनजीत सिंह ने क्विंट से बात करते हुए कहा:

‘ट्विटर सेवा’ एक ऐसा नया टूल है, जो सरकारी दफ्तर की तरह लोगों की मदद करता है. उसके जरिये हम सरकार और लोगों के बीच के फासले कम करने की कोशिश कर रहे हैं.

इस मौके पर राज्यों के बीच विकास की होड़ यानी Competitive Federalism की अहमियत पर बात हुई. कॉन्क्लेव में अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश समेट 9 राज्यों के नौकरशाहों और केंद्र के सीनियर अफसर मौजूद थे. साथ ही ट्विटर इंडिया और केपीएमजी इंडिया जैसी कंपनियों के नुमाइंदों ने भी शिरकत की.

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