वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
धरना-प्रदर्शन में क्यों जाएंगे. मेरा धरना कोई रोज थोड़े ही होता है. कल (8 सितंबर) हमने एक छोटा सा प्रोग्राम रखा था, उसे भी सारे गाइडलाइंस के साथ करना था, वो भी नहीं हुआ. उनके हाथ में हूकुमत है, वो जो कर सकते हैं उन्होंने किया. हमें बंद कर देंगे. वैसे भी उन्होंने यूपी का जो हाल किया है, सब देख रहे हैं. हमलोग नारी पहले थे, अब 'अबला नारी' हो गए हैं यूपी में.
सुमैया राणा
कवि मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा का आरोप है कि लखनऊ में बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन रोकने के लिए उनके घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है.
करीब 50-60 पुलिस वाले मेरे घर के बाहर आकर पूरे अपार्टमेंट के गेट को घेर कर रखा. उसके बाद दहशत का ऐसा माहौल बनाना, जैसे हम कोई मुजरिम हैं, आतंकवादी हैं. हम सिर्फ अपनी बात संवैधानिक तरीके से रखना चाहते थे. ये हमारा संवैधानिक अधिकार है.
दूसरी महिलाओं का भी आरोप है कि हमें घर में नजरबंद कर दिया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता उज्मा परवीन का कहना है कि हमारा प्लान था कि कुछ महिलाओं के साथ हम सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ, पूरे ऐहतियात के साथ प्रदर्शन करेंगे, अपनी आवाज सरकार को पहुंचाएंगे. लेकिन इन्हें ये बात पता चली और इन्होंने हमें घर में नजरबंद कर दिया.
सुमैया का आरोप है कि 8 सितंबर का प्रदर्शन तो रोका ही अब भी सिर्फ पिता के घर जाने की ही इजाजत है. हालांकि यूपी पुलिस ने नजरबंदी के आरोपों से किया इंकार किया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)