क्या मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के बॉस ने खुद मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो खड़ी की थी? ये सवाल जितना चौंकाने वाला है, उतना ही डरावना भी. आप जरा सोचिए देश के सबसे बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी कार पार्क की जाती है. अंबानी परिवार को चिट्ठी लिखकर धमकी दी जाती है, जिस पुलिस अफसर को इसकी जांच सौंपी जाती है उसे ही बाद में गिरफ्तार कर लिया जाता है. इस्पेंक्टर सचिन वझे एनआईए की कस्टडी लेती है, उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है. एक रियल लाइफ क्राइम स्टोरी इतनी ट्विस्ट और टर्न वाली थ्रिलर बन गई है कि उसके सामने हिट क्राइम सीरीज फीकी लगने लगी है.
अंबानी धमकी केस में जांच अधिकारी ही गिरफ्तार
एनआईए की जांच के मुताबिक अंबानी को मिली धमकी के पीछे किसी आतंकवादी संगठन का हाथ नहीं है. तो फिर सवाल खड़ा होता है कि अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो रखी किसने? शक सचिन वझे पर है, क्यों है ये शक..चलिए समझाते हैं...
क्यों हो है सचिन वझे पर शक?
1. स्कॉर्पियो के पीछे पुलिस की इनोवा क्यों?
NIA ने अंबानी के घर के बाहर मिली स्कॉर्पियों के पीछे सीसीटीवी में कैद हुई सफेद इनोवा का पता लगा लिया है. ये इनोवा उस मुंबई क्राइम यूनिट की है, जिसके मुखिया खुद सचिन वझे थे. सवाल ये है कि जब विस्फोटरों से भरी स्कॉर्पियो अंबानी के घर के आगे पार्क हो रही थी तो वहां पुलिस की इनोवा क्या कर रही थी.
2. पीपीई किट में कौन था?
सीसीटीवी में देखा जा सकता है कि स्कॉर्पियो चालक ने पीपीई किट पहन रखा था. सूत्रों की मानें तो जांच इस बात की भी हो रही है कि कहीं ये चालक खुद सचिन वझे तो नहीं. ये जानने के लिए सचिन वझे पीपीई किट पहनाकर वीडियो से मैच किया जाएगा.
3. वझे का वॉट्सऐप स्टेटस
गिरफ्तारी से पहले ही वझे के वॉट्सऐप स्टेट्स में लिखा था-उन्हें उनके सहयोगी अफसर ही गिरफ्तार कर सकते हैं. यहां तक लिखा था कि अब दुनिया को छोड़ने का वक्त आ गया है. 60 एनकाउंटर करने वाला एक अफसर आखिर ऐसा क्यों लिख रहा है. अपने ही महकमे में आज इतना अकेला क्यों महसूस कर रहा है?
इसी सवाल से जुड़ा है इस केस का सबसे बड़ा सवाल.... अगर सचिन वझे ने स्कॉर्पियो वहां लगाई तो क्यों लगाई? वो खुद है मास्टर माइंड या महज एक मोहरा है...अंबानी को धमकी का मकसद क्या था?
सूत्रों की मानें तो वझे ने पूछताछ में एनआईए को बताया है कि वो इस मामले में बहुत छोटी मछली है. मामले से सियासी तार जुड़े हो सकते हैं. ऐसे में वझे की कस्टडी ने महाराष्ट्र का सियासी पारा बढा दिया है. शिवसेना से करीबी संबंध रखनेवाले वझे के बचाव में शिवसेना नेता संजय राउत मैदान में उतरे हैं, तो वही दूसरी ओर विपक्षी नेता देवेंद्र फड़नवीस ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाए है. जिसकी वजह से एमवीए सरकार में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
सोमवार 15 मार्च की सुबह शरद पवार सीएम उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे. दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बात हुई. सूत्र बताते हैं कि बातचीत वझे पर भी हुई. चर्चा है कि सरकार डैमेज कंट्रोल के लिए पुलिस महकमे पर बड़ा एक्शन ले सकती है. बता दें कि महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय एनसीपी के पास है. केस में पुलिस के आला अफसरों का हाथ निकला तो सवाल शरद पवार के एनसीपी पर भी उठेंगे. लिहाजा खुद शरद पवार ने इस मामले में एंट्री ली है. मामला अंबानी से जुड़ा होने के कारण सरकार फूंक फूंक कर कदम रख रही है. विपक्ष पहले से पूछ रहा है कि आखिर शिवसेना की सरकार बनते ही वझे को पुलिस फोर्स में वापस क्यों लिया गया और उसे मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट जैसे महत्वपूर्ण विभाग का प्रमुख क्यों बनाया गया?
कुल मिलाकर ये केस मुंबई पुलिस और उद्धव ठाकरे सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. सवाल ही सवाल हैं और संभावित जवाब मुंबई के सियासी गलियारों और पुलिस क्वाटर्स में तैर रहे हैं लेकिन उसपर मेरा अभी चुप रहना ही मुनासिब है...इतना जरूर कह सकता हूं कि ये किसी वेब सीरीज की तैयार स्क्रिप्ट जैसी कहानी है, और कोई ताज्जुब नहीं कि जल्द ही आप इसका प्रसारण किसी OTT प्लेटफॉर्म पर देखेंगे
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