अजय देवगन. इमरान हाशमी और विद्युत जामवाल की फिल्म 'बादशाहो' शुक्रवार को रिलीज हुई.
मधुर भंडारकर ने हाल ही में इमरजेंसी पर फिल्म ‘इंदु सरकार’ बनाई थी उसका कुछ कारण समझ आया लेकिन डायरेक्टर मिलन लुथरिया का इमरजेंसी पर 'बादशाहो' जैसी फिल्म बनाने की बात समझ से बाहर है
फिल्म की शुरुआत राजस्थान से होती है. साल 1973 का दौर है. रानी गीतांजली (इलियाना डी क्रूज) की हवेली में पार्टी चल रही होती है. पार्टी में एक बड़ा नेता भी होता है, जो बिल्कुल उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की तरह दिखता है. फिल्म में उस बड़े नेता का नाम संजीव (प्रियांशु चटर्जी) है.
इलियाना सीन में प्रियांशु चटर्जी को अपना महल दिखा रही होती हैं. तभी मौका देखकर प्रियांशु इलियाना के साथ बदतमीजी करने की कोशिश करता है. लेकिन रानी साहिबा तलवार के दम पर उस बड़े नेता को दूर रहने की चेतावनी देती हैं.
बस यहीं से कहानी की शुरुआत होती है. नेता जी गुस्से से लाल हो जाते हैं और धमकी भरे शब्दों में कहते हैं 'तुझे देख लूंगा.'
फिल्म में इसके बाद 25 जून 1975 की तारीख यानी इमरजेंसी लागू होने की तारीख दिखाई जाती है. इमरजेंसी के दौरान प्रियांशु चटर्जी, इलियाना से अपना पुराना बदला लेने की कोशिश करते हैं. फिल्म में इसके बाद ‘हीरो’ अजय देवगन और इमरान हाशमी की एंट्री होती है.
फिल्म में एक्शन की थोड़ी-सी कमी रही है. 'बादशाहो' का सबसे ज्यादा वायरल हुआ गाना 'रश्के कमर' फिल्म के शुरुआती10 मिनट में ही आ जाता है. सनी लियोनी का आइटम सॉन्ग है लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
हम इस फिल्म को 5 में से 1.5 क्विंट देते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)