बीजेपी के जगरनॉट को व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे ममता ने रोक दिया. लेकिन जो ममता अकेले बीजेपी से जीत गईं बंगाल का महासंग्राम, वो क्यों हार गईं नंदीग्राम? उनके साथ कोई खेला हुआ है? ममता ने कहा है वो कोर्ट जाएंगी...अब कोर्ट में क्या होगा वो भविष्य की बात है लेकिन नंदीग्राम में हार कर भी नंदीग्राम से लड़ने का ममता का दांव कामयाब रहा है.
शुवेंदु अधिकारी को आमने सामने टक्कर देकर ममता बनर्जी ने शुवेंदु के होम टर्फ़ मेदिनीपुर के इलाक़े में अपनी पकड़ बनाए रखी. नंदीग्राम में प्रचार के दौरान ममता को लगी चोट ने भी उनके पक्ष में ही काम किया.
पुरुलिया, झाड़ग्राम जैसे ज़िलों में टीएमसी ने 2019 के मुक़ाबले अच्छा प्रदर्शन किया है. मालदा में पहली बार टीएमसी पर लोगों ने भरोसा जताया है.
महिला वोटरों ने भी अपनी खेल कर दिया. ममता के कोर वोट बेस महिलाओं को अपनी तरफ़ कर लिया.
बीजेपी के लिए कोई मुख्यमंत्री चेहरा न होने उनके लिए नुक़सान कर गया. टीएमसी से बीजेपी में शामिल लोग भी अपनी कमाल नहीं दिखा पाए. बीजेपी के सांसद जो इस चुनावी समर में कूदे थे वो भी चुनाव हार गए.
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