द क्विंट ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की चार ऐसी छात्राओं से मुलाकात की, जिनके लिए यहां आना आसान नहीं था. ये लड़कियां कई मुश्किलों का सामना कर पहली बार सैकड़ों किलोमीटर दूर किसी यूनिवर्सिटी में पढ़ने आईं. इनके लिए शिक्षा ही एक जरिया था, जिससे इनके सपने को उड़ान मिल सकती थी.
वाराणसी जंक्शन पर अपने गांव जाने के लिए ट्रेन का इंतजार करती रमा देवी ने अपना दुख जाहिर किया. रमा ने कहा, "बीएचयू में आने के समय मैं बहुत खुश थी. मुझे गर्व था कि मैं यहां पढ़कर कुछ बन जाऊंगी. अपने गांव का नाम रोशन करुंगी. लेकिन यहां आने के बाद ऐसा कुछ नहीं लगा. यहां का प्रशासन खराब है. लड़कियां सुरक्षित नहीं."
बता दें, 19 सितंबर को बीएचयू में एक लड़की से छेड़छाड़ की घटना के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था. इस बीच हिंसा भी भड़क गई और प्रशासन के लिए हालात काबू से बाहर हो गए. 23 सितंबर की रात उन लड़कियों के लिए एक बड़ी चोंट की रात थी. जब पुलिसकर्मियों ने उन पर लाठी चार्ज किया.
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