बिहार विधानसभा चुनाव का तीसरा और अंतिम चरण. 15 जिलों के 78 विधानसभा सीटों के लिए 7 नवंबर को वोटिंग होनी है. सुरक्षा को लेकर बड़ी तैयारी है. अंतिम चरण के तहत राज्य के मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र की कई विधानसभा सीटें आती हैं. ये सब जानेंगे लेकिन पहले इन बड़े नंबर्स को जान लीजिए.
कितने कैंडिडेट, कितने वोटर?
कहां-कहां हैं चुनाव?
15 जिलों में वोटिंग होगी.
किस पार्टी से कितने कैंडिडेट भिड़ेंगे?
अंतिम चरण में नीतीश कुमार सरकार के 8 मंत्रियों के चुनावी भाग्य का फैसला होना है. प्रमुख उम्मीदवारों में केवटी से RJD के अब्दुल बारी सिद्दीकी, सहरसा से पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी RJD उम्मीदवार लवली आनंद, मधेपुरा से JDU के निखिल मंडल के नाम हैं. निखिल बीपी मंडल के पौत्र हैं.
जबकि मधेपुरा से पप्पू यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. जन अधिकार पार्टी (जाप) के उम्मीदवार के तौर पर कूदने से मधेपुरा सीट पर मामला दिलचस्प हो गया है, वो PDA की तरफ से सीएम कैंडिडेट भी हैं.
एक और उम्मीदवार, जिसने लोगों की उत्सुकता बढ़ाई है वो हैं सुभाषिनी यादव, मधेपुरा जिले के बिहारीगंज से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं, जो अपने पिता और दिग्गज समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की राजनीतिक विरासत को बचाने चुनावी मैदान में पहली बार उतरी हैं. इनके प्रचार के लिए राहुल गांधी सभा कर चुके हैं.
मुस्लिम बहुल सीमांचल के 4 जिलों में 24 विधानसभा सीटें आती हैं. किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया. AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने BJP और मोदी को बढ़ावा मिलने के लिए कांग्रेस-RJD गठबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए अल्पसंख्यकों से आग्रह किया कि वे इन दोनों दलों को इस चुनाव में किनारे लगा दें.
AIMIM RLSP अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और मायावती की BSP समेत कुल 6 दलों का गठबंधन-ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट बनाकर ये चुनाव लड़ रही है. उपेंद्र कुशवाहा इस गठबंधन से सीएम कैंडिडेट हैं.
कितने करोड़पति , कितने दागी कैंडिडेट?
तीसरे चरण की 78 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 30 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे चरण में 361 उम्मीदवार करोड़पति हैं.
तीसरे चरण में BJP और कांग्रेस के 76- 76 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. BJP के सबसे ज्यादा 65 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं.
पार्टियों की विचारधारा से परे तीनों चरण में दागियों का दबदबा इस पूरे चुनाव में दिखा है. जनता ने इसे लेकर क्या राय बनाई है, 10 नवंबर के नतीजों के साथ पता चलेगा.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)