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BOL | भारतीय भाषाओं में कंटेंट बनाना और पैसा कमाना अब नहीं मुश्किल

गूगल और फेसबुक ले जाते हैं 90 फीसदी एड रेवेन्यू

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क्विंट हिंदी और गूगल के खास कार्यक्रम, BOL: Love Your भाषा में क्विंटिलियन मीडिया के फाउंडर राघव बहल और गूगल के वाइस प्रेसिडेंट, राजन आनंदन ने जिन मुद्दों पर चर्चा की उनमें ये अहम रहा कि रेवेन्यू कहां से आएगा और किस तरह आएगा?

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ऑनलाइन पब्लिशिंग की दुनिया से जुड़े लोग लंबे अरसे से इंटरनेट के जरिए हासिल होने वाले एड की दरें बढ़ाने की मांग करते रहे हैं पर अब तक ऐसा हुआ नहीं है. आंकड़े बताते हैं कि ऑनलाइन एड रेवेन्यू का 90 फीसदी, अकेले गूगल और फेसबुक ले जाते हैं.

राघव ने इस बात पर जोर दिया कि अब वक्त आ गया है कि पब्लिशर का शेयर भी बढ़ाया जाए. चर्चा के दौरान राजन आनंदन ने कहा कि कंटेंट अगर सही हो तो पैसा कमाने का मौका भी मिलता है. भारतीय भाषाओं में अब कंटेंट बनाना और रेवेन्यू कमाना मुश्किल नहीं रह गया है. पब्लिशर्स को विज्ञापनों के परे भी सोचने की जरूरत है.

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