वीडियो एडिटर- मोहम्मद इरशाद
कैमरापर्सन- सुमित बडोला
बॉक्सिंग में ओलंपिक मेडल हासिल करने के 10 साल बाद विजेंदर सिंह अपनी अगली बड़ी लड़ाई के लिए तैयार हैं. विजेंदर इस बार साउथ दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. विजेंदर सिंह के खिलाफ आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और बीजेपी के रमेश बिधुड़ी चुनाव लड़ रहे हैं. बॉक्सर से नेता बने विजेंदर सिंह से क्विंट की खास बातचीत.
आपने कांग्रेस पार्टी ही क्यों ज्वाइन की?
मैंने कांग्रेस इसलिए ज्वाइन किया क्योंकि इस पार्टी की सोच, विजन और इसके नेता मुझे बहुत पसंद हैं. खास तौर से गरीबों और मजदूरों के साथ जो पार्टी खड़ी है, वो कांग्रेस है. ये पार्टी कोई बड़े-बड़े या झूठे वादे नहीं करती. देश के मौजूदा हालतों और लोगों की परेशानियों को देखते हुए मुझे लगा कि राजनीति में आने का ये सही समय है.
'जीरो से की शुरुआत, अब पहुंचा यहां'
विजेंदर सिंह ने कहा, "मेरा दादा जी आर्मी में थे. मेरे पिता जी आज भी रोडवेज के ड्राइवर हैं. हमने जीरो से शुरुआत की और यहां तक पहुंचे हैं. लेकिन मेरा एक सपना है कि ड्राइवर का बेटा ड्राइवर न बने और मजदूर का बेटा मजदूर न बने."
आप अपने विरोधी राघव चड्ढा और रमेश बिधुड़ी में किसे ज्यादा मजबूत मानते हैं?
मैं इन दोनों में से किसी को भी मजबूत नहीं मानता. मैं सिर्फ अपनी सोच, अपना विजन लोगों के सामने रखना चाहता हूं. उनको अपने बारे में बताना चाहता हूं. अगर उन्हें मैं पसंद आता हूं, तो मुझे वोट करें. नहीं तो उनकी मर्जी हैं.
आप हरियाणा से हैं, तो साउथ दिल्ली के मुद्दे कैसे समझेंगे?
मैं दिल्ली में ही रहता हूं. यहां से मेरा घर करीब आधा किमी है. करीब 7-8 साल से यहां रह रहा हूं.
जब विजेंद्र सिंह से हमने ये पूछा कि क्या अब वो राजनीति में कदम रखने के बाद बॉक्सिंग छोड़ देंगे? इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘नहीं’.
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