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दुनिया का सबसे ताकतवर नेता,औरतों के मामले में कमजोर है- 8 कहानियां

महिलाओं के प्रति ट्रंप के नजरिए का इतिहास क्या रहा है?

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वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव करीब हैं तो डोनाल्ड ट्रंप ने महिला मताधिकार के लिए साल 1872 में विद्रोह करने वाली सूजन बी एंथोनी को माफ करने का फैसला किया है. एक तो अब इस फैसले का कोई मतलब नहीं दूसरा, महिलाओं के प्रति ट्रंप के नजरिए को देखकर लगता है कि ये महिलाओं को रिझाने के लिए सिर्फ ट्रंप का सियासी ड्रामा है. महिलाओं से ट्रंप के रिश्तों का इतिहास देखें तो ट्रंप का पूरा स्वांग नजर आ जाता है. ट्रंप और महिलाओं से जुड़ी आठ कहानियां:

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1. ट्रंप के खिलाफ रेप का मुकदमा जस्टिस डिपार्टमेंट लड़ रहा है

न्यूयॉर्क टाइम्स ने जिसे एक असामान्य कानूनी कदम बताया है, वो यह है कि राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से मानहानि के एक मुकदमे को वहां का डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस लड़ने वाला है. यह मानहानि का मुकदमा उन पर एक लेखिका ई जीन कैरोल ने किया है. कैरोल ने पिछले साल आरोप लगाया था कि ट्रंप ने नब्बे के दशक में लग्जरी डिपार्टमेंटल स्टोर बर्गडोर्फ गुडमैन के ड्रेसिंग रूम में उनके साथ रेप किया था. वह उन दिनों एक केबल स्टेशन के लिए डेली शो करती थीं. ट्रंप को जानती थीं- एक बार उनसे मिल चुकी थीं. डिपार्टमेंटल स्टोर में ट्रंप ने उनसे किसी परिचित के लिए तोहफा पसंद करने को कहा, फिर खुद ही लॉन्जरी खरीदने लगे और कैरोल से कहा कि वह उसे पहनकर देखें. इसके बाद वह ड्रेसिंग रूम में घुस गए और कैरोल के साथ रेप किया. जैसा कि कैरोल ने बताया, जब उन्होंने अपनी एक दोस्त को इस घटना के बारे में बताया तो वह बोली- उसके साथ 200 वकील होंगे. तुम्हारी बात कौन सुनेगा. इसके करीब 23 साल बाद मीटू अभियान के दौरान कैरोल ने अपने साथ दुर्व्यवहार को याद किया और न्यूयॉर्क टाइम्स मैगजीन को सब बताया.

ट्रंप ने इस खबर को झूठा बताया और कहा कि वह कैरोल से कभी मिले ही नहीं. हालांकि 1987 की एक फोटो में दोनों साथ दिख रहे थे. ट्रंप ने दावा किया कि वह कैरोल पर हमला कर ही नहीं सकते क्योंकि वह ‘उनके टाइप की नहीं थीं’.

इसके बाद कैरोल ने उन पर मानहानि का मुकदमा किया. पहले तो ट्रंप ने यह तर्क दिया कि किसी मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ देश की अदालत में मुकदमा चलाना संविधान सम्मत नहीं है. लेकिन इस तर्क को अदालत ने ही खारिज कर दिया. अब मंत्रालय ही उनकी तरफ से मुकदमा लड़ने जा रहा है. अगर अदालत कैरोल के लिए कोई मुआवजा तय करती है तो वह भी सरकारी फंड से चुकाया जाएगा जिसमें जनता का ही टैक्स जमा होता है.

2. पूल पार्टियों में 10 मर्दों के मुकाबले 100 लड़कियां

ट्रंप की पूलसाइट पार्टियां काफी बदनाम रही हैं. वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार माइकल क्रानिश की किताब 'ट्रंप रिवील्ड' में कहा गया है कि उनकी पार्टियों में मर्दों के मुकाबले लड़कियां कई गुना ज्यादा होती थीं. कई बार मर्द दस होते थे, तो लड़कियां सौ के करीब.

ऐसी ही एक पार्टी में एक बिजनसमैन की बीवी जिल हर्थ के साथ ट्रंप ने यौन दुर्व्यवहार किया था. जिल ने उन पर 1997 में मुकदमा किया था लेकिन बाद में पीछे हट गई थीं. क्योंकि ट्रंप ने उनके पति के साथ एक दूसरे कानूनी मुकदमे को निपटाने के लिए यह शर्त रखी थी कि हर्थ अपना मुकदमा वापस लें.

महिलाओं के प्रति ट्रंप के नजरिए का इतिहास क्या रहा है?

3. पहली बीवी इवाना और ‘डिसलॉयल’ ट्रंप

इन पूल पार्टियों में से एक पार्टी ट्रंप के पहले तलाक के बाद हुई थी. इवाना उनकी पहली बीवी हैं और ट्रंप की मशहूर बेटी इवांका की मां. इवाना से ट्रंप के रिश्तों का खुलासा ट्रंप के अटॉर्नी रहे माइकल कोहेन की किताब 'डिसलॉयल' में है. इवाना और ट्रंप की शादी 1977 में हुई थी और करीब 14 साल बाद तलाक हुआ था. तलाक के बाद 14 मिलियन डॉलर का सेटेलमेंट हुआ. इसमें नकद के अलावा एक मैन्शन, एक अपार्टमेंट और फ्लोरिडा के मार-ए-लागो नाम के रिजॉर्ट में साल में एक महीने गुजारने का तोहफा शामिल है. तलाक क्रूरता और अमानवीय व्यवहार के आधार पर दिया गया और इवाना ने यह लिखकर दिया था कि वह ट्रंप से अपने रिश्तों के बारे में मीडिया से कोई बात नहीं करेंगी. यह बात अलग है कि बेटी इवांका ने पिता की बेवफाई के बारे में काफी कुछ कहा है. वह और उसके भाई-बहन अपनी मां के साथ ट्रंप के व्यवहार से बहुत आहत रहे हैं, जैसा कि 'डिसलॉयल' कहती है.

4. दूसरी बीवी ट्रंप के अहंकारी स्वभाव को बदल नहीं पाईं

'डिसलॉयल' के लेखक माइकल से ट्रंप ने खुद अपनी तीनों बीवियों के बारे में बात की है. इवाना के बाद ऐक्ट्रेस मार्ला से ट्रंप ने तब शादी की थी, जब वह गर्भवती हो गई थीं. हालांकि वह इससे काफी हैरान थे. लेकिन बाद में मार्ला के आग्रह के बाद वह इस रिश्ते के लिए तैयार हुए. यह संबंध छह साल चला और फिर दोनों के बीच तलाक हुआ. इस पर मार्ला ने कहा था कि तलाक की वजह यह थी कि वह अपने पति के अहंकारी स्वभाव को बदल नहीं पाई थीं. यूं ट्रंप खुद कबूल कर चुके हैं कि बीवियां ‘हासिल’ करना उनके लिए मुश्किल नहीं.

5. तीसरी बीवी के बाद भी एडल्ट स्टार से रिश्ता

तीसरी बीवी मेलानिया भी उन्हें आसानी से मिल गईं. मेलानिया इस समय अमेरिकी की फर्स्ट लेडी हैं. 1998 में वह ट्रंप से मिलीं, जब मार्ला ट्रंप की बीवी थीं. ट्रंप और मेलानिया ने करीब सात साल तक एक दूसरे को डेट किया और 2005 में शादी की. मेलानिया के बाद भी ट्रंप के रिश्ते बने- 2018 में एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से उनके संबंधों को खूब उछाला गया. डेनियल्स ने खुद कहा था कि 2006 में उनके और ट्रंप के बीच अफेयर था. उन्हें चुप रहने के लिए 130,000 डॉलर चुकाए गए. पर मेलानिया ने इस पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं दी. ट्रंप के पूर्व सलाहकार स्टेफनी विंस्टन ने अपनी किताब मेलानिया एंड मी में बताया है कि मेलानिया और ट्रंप का रिश्ता लेनदेन पर आधारित है. जैसा कि 'डिसलॉयल' में कोहन ने कहा है कि ट्रंप साफ कहते हैं कि मुझे हमेशा एक और बीवी मिल सकती है...मेरे लिए यह कोई समस्या नहीं. अगर मेलानिया मुझे छोड़कर जाना चाहती हैं तो जा सकती हैं. औरतों के प्रति ट्रंप के नजरिए की इससे बड़ी मिसाल और क्या होगी.

6. इवांका पर भी बेहूदा टिप्पणियां

यूं तो ट्रंप के नजरिए को उनकी टिप्पणियों से साफ समझा जा सकता है. 2016 में राष्ट्रपति चुनावों के वक्त उनका एक पुराना टेप खूब चर्चा में आया था. वॉशिंगटन पोस्ट के पास वह वीडियो था जिसमें ट्रंप टीवी प्रेजेंटर बिल बुश के साथ बातचीत में महिलाओं के बारे में बिना उनकी सहमति के, उन्हें छूने और उनके साथ यौन संबंध बनाने का दावा कर रहे हैं. अश्लील टिप्पणियां भी कर रहे हैं. माइक्रोफोन पर उनकी बात आ गई थी. इन टिप्पणियों पर मचे बवाल के बाद ट्रंप ने कहा, यह लॉकर रूम में किया गया मजाक था. यह एक निजी बातचीत थी. ऐसी अभद्र और अनुचित टिप्पणियां वह किसी भी महिला के बारे में कर दिया करते हैं. अपनी बेटी इवांका के बारे में भी. वह कई दफा कह चुके हैं कि अगर वह इवांका के पिता न होते तो वह उनको डेट कर सकते थे, या उससे भी आगे कुछ संभव था, उनका फिगर बहुत अच्छा है, वह हॉट हैं. इन टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर काफी डिस्टर्बिंग बताया गया था. हालांकि इवांका, ट्रंप की सबसे बड़ी सलाहकार हैं और उनकी सरकारी यात्राओं में साथ जाती हैं.

7. जब ट्रंप ने पत्रकार पर वाइन फेंकी

ट्रंप की सेक्सिस्ट टिप्पणियों से वेबसाइट्स भरी पड़ी हैं. हॉलीवुड की मशहूर ऐक्ट्रेस से लेकर मीडियाकर्मियों और समाजसेवियों तक को उन्होंने नहीं छोड़ा. किसी बात पर उनसे खफा हुए तो पार्टियों में बेअदबी कर दी. कई मीडियाकर्मियों पर वाइन फेंकने का उनका लंबा इतिहास रहा है. 'द वैनिटी फेयर डायरीज: 1983-1992' नाम की एक किताब में लेखिका और संपादक टीना ब्राउन ने लिखा है कि कैसे ट्रंप ने न्यूयॉर्क की एक पार्टी में पत्रकार मेरी ब्रेनर की पीठ पर गिलास भरकर वाइन फेंकी थी. मेरी ने ट्रंप पर वैनिटी फेयर में एक पीस लिखा था जिसमें बताया गया था कि कैसे ट्रंप अपने सिराहने पर हिटलर के भाषणों की किताब रखते हैं और अपने कजिन के आने पर हेल हिटलर करके उसका अभिवादन करते हैं. बाद में ट्रंप ने खुद अपनी किताब 'द आर्ट ऑफ द कमबैक' में लिखा था कि ब्रेनर का लिखा हुआ उन्हें बहुत खराब लगा था और दरअसल ब्रेनर एक अनएट्रैक्टिव रिपोर्टर हैं.

8. महिला नेताओं में प्रतिभा की कमी?

महिला नेताओं के साथ भी ट्रंप के रिश्ते कोई बहुत सुखद नहीं रहे. राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को वह अकुशल महिला बता चुके हैं. सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन में प्रतिभा की कमी की दुहाई दे चुके हैं. कह चुके हैं कि वह राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गईं क्योंकि लोग उनके जैसी उम्मीदवार को पसंद नहीं करते, वॉरेन एक स्वार्थी महिला हैं. रिप्रेजेंटेटिव अलेक्जेंड्रिया कोर्टेज को वह ‘रियल ब्यूटी’ कह चुके हैं और कह चुके हैं कि उन्हें अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ नहीं पता. अलेक्जेंड्रिया भी पलटकर उनसे उनकी डिग्री की मांग कर चुकी हैं और कह चुकी हैं कि वह अपनी बॉस्टन यूनिवर्सिटी की इकनॉमिक्स की डिग्री दिखा सकती हैं. अलास्का की पूर्व गवर्नर सराह पालिन का मानना है कि ट्रंप अभी पचास के दशक से बाहर नहीं निकले हैं जब औरतों को होम मेकर माना जाता था. तभी एक इंटरव्यू में वह साफ कह चुके हैं कि बच्चों के डायपर बदलना औरतों का काम है और आदमी ऐसा करते हुए अच्छे नहीं लगते.

ट्रंप के किस्से और बयान उस अमेरिकी समाज के सामने हैं जहां राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा नहीं है. इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन के आंकड़े बताते हैं कि विश्व के 193 देशों में अमेरिका की रैंक 75वीं है. कांग्रेशनल सीटों पर महिलाओं की मौजूदगी विश्व स्तर पर 24.1 प्रतिशत है, और अमेरिका का औसत इससे कम है. अमेरिका में एक भी महिला राष्ट्रपति नहीं बनी है. क्या इसकी एक वजह मनोविज्ञान की टर्म इंट्रोजेक्शन नहीं हो सकती, जिसमें लोग बिना जाने समझे ही किसी व्यक्ति के व्यवहार को अपना लेते हैं?

सेक्सिज्म की अवधारणा जब ऊपर से आती है तो उसका असर आम लोगों पर भी पड़ता है. यहां यह ऊपर वाली शख्सियत राजनेता, धर्म गुरु, खिलाड़ी और फिल्म स्टार कोई भी हो सकता है. आप अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यवहार और टिप्पणियों को राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व से जोड़कर देख सकते हैं. और यह बात किसी भी देश पर लागू हो सकती है. हमारे अपने यहां भी.

(माशा लगभग 22 साल तक प्रिंट मीडिया से जुड़ी रही हैं. सात साल से वह स्वतंत्र लेखन कर रही हैं. इस लेख में दिए गए विचार उनके अपने हैं, क्विंट का उनसे सहमत होना जरूरी नहीं है.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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