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शेफ से डायरेक्टर बने विकास खन्ना की ‘द लास्ट कलर’वाराणसी की कहानी 

मशहूर शेफ विकास खन्ना अब डायरेक्टर भी बन गए हैं. उनकी फिल्म ‘द लास्ट कलर’ मामी फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई.

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मशहूर शेफ विकास खन्ना अब डायरेक्टर भी बन गए हैं. उनकी फिल्म 'द लास्ट कलर' मामी फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई. इस फिल्म में नीना गुप्ता लीड रोल में है, फिल्म की कहानी विकास खन्ना की लिखी किताब पर बेस्ड है. विकास को लेकर लोगों को ये उम्मीद थी कि वो खाने पर फिल्म बनाएंगे, लेकिन इस फिल्म की कहानी बिल्कुल अलग है. विकास खन्ना ने मामी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में स्तुति घोष से खास बातचीत की और फिल्म के बारे में कई बातें बताईं.

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कुदरत के अलग-अलग रंग हर किसी को दिए जाते हैं, लेकिन आप कल्पना कीजिए कि किसी से अगर रंग ही छिन लिया जाए तो क्या. मैंने अपने घर में, वाराणसी में कई विधवा महिलाओं को देखा है. लेकिन उस वक्त बहुद दर्द हुआ था, जब मैं वाराणसी में होली के टाइम पर था, वहां हर चीज. सड़क. दीवार सबकुछ रंगा हुआ था, सिर्फ उन विधवा महिलाओं को छोड़कर. मैं उस चीज को कभी भूल नहीं पाया.

फिल्म के बारे में बात करते हुए विकास खन्ना ने कहा-

मुझे ट्रेन में किसी ने कहा था अल्लाह मिया चांद को सबको देता है, लेकिन मुट्ठी बंद होती है इसलिए उन्हें नजर नहीं आता. जिनकी मुट्ठी खुली होती है, उन्हें चांद नजर आता है, उसी सोच को लेकर मैंन ये फिल्म बताई.
विकास खन्ना, शेफ और डायरेक्टर

‘द लास्ट कलर’ फिल्म की कहानी विधवाओं की जिंदगी पर आधारित है. इस फिल्म का निर्देशन विकास खन्ना ने किया है.

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