वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
COVID-19 के दौरान सफाई और सतहों के डिसइंफेक्शन को लेकर WHO ने 16 मई 2020 को डॉक्यूमेंट जारी किया. WHO का कहना है कि डिसइंफेक्टेंट स्प्रे का छिड़काव बेअसर है.बल्कि, इससे स्वास्थ्य पर उल्टा असर पड़ सकता है.
लेकिन ड्रोन से स्प्रे, टनल में स्प्रे, सड़कों पर स्प्रे, लोगों पर स्प्रे करते हुए आपको लोग दिखेंगे. लेकिन ये गलत है. WHO घर के अंदर और बाहर डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव की सलाह नहीं देता है.
कारण?
डॉक्यूमेंट में लिखा है, 'डिसइंफेक्टेंट धूल से इनएक्टिवेट हो जाते हैं और ये संभव नहीं है कि इन सभी जगहों को अलग से साफ कर ऑर्गैनिक मैटर हटाया जाए.' लोगों पर डिसइंफेक्टेंट का छिड़कावकिसी भी तरह से सही नहीं है. ये फिजिकल और साइकोलॉजिकल लेवल पर नुकसानदेह हो सकता है, और इससे संक्रमित शख्स के संक्रमण फैलाने पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.
इन केमिकल्स से आपको नुकसान पहुंच सकता है. डिसइंफेक्टेंट अलग-अलग केमिकल्स से बनता है. जिससे आंखों और त्वचा में जलन, सांस लेने में परेशानी, जी मचलना और उल्टी जैसी समस्या हो सकती है.
WHO से पहले, स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18 अप्रैल 2020 को चेतावनी जारी की थी. ये वॉर्निंग बरेली में प्रवासी मजदूरों पर हुए डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव का वीडियो वायरल होने के बाद आई थी.
एडवाइजरी में लिखा है: किसी शख्स या ग्रुप पर केमिकल डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव फिजिकली और साइकोलॉजिकली नुकसानदेह हो सकता है. अगर वो शख्स COVID-19 वायरस के संपर्क में आया भी है, तो भी शरीर पर डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव से अंदर वायरस खत्म नहीं होगा.
साइंस में ये सपोर्ट करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि कपड़ों और शरीर पर डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव असरदार है. तो अगर आप अपने आसपास ऐसा होता देखते हैं या ऐसी टनल देखते हैं या ऑफिस के बाहर गार्ड आप पर छिड़काव करने की कोशिश करता है, तो उसे मना करें.
मास्क पहनें, फिजिकल डिसटेंस मेनटेन करें और अपने हाथ धोएं!
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