दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान है. इस बार बाकी देश की तरह दिल्ली में भी चुनाव आयोग के अधिकारी एक अतिरिक्त जिम्मेदारी के साथ लोगों के बीच हैं. अधिकारी दिल्ली के लोगों को VVPAT मशीन दिखाने और उसके काम करने के तरीके के बारे में बता रहे हैं, जिससे लोगों में वोटिंग को लेकर जागरूकता बढ़े.
जनवरी 2019 से ही दिल्ली में 'डेमोक्रेसी ऑन व्हील्स' नाम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. चुनाव आयोग के कर्मचारी अब इस अभियान के माध्यम से लोगों को जागरुक बनाने के लिए गलियों में हैं. कर्मचारी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT मशीन लोगों को दिखा रहे हैं और इसके बारे में समझा रहे हैं.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक हर लोकसभा क्षेत्र के लिए एक गाड़ी लगाई गई है.
पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विवेक विहार में 'डेमोक्रेसी ऑन व्हील्स' की टीम के पास पहुंचा क्विंट. वहां हमने देखा कि लोगों की भीड़ इकट्ठा थी. चुनाव आयोग की गाड़ी में टेलीविजन सेट के साथ दो मशीनें थीं. तीन अधिकारी इसमें मौजूद थे और वे आग्रह कर रहे थे कि लोग एक-एक करके मशीन को देखें और समझें. लोगों की भीड़ शुरू में हिचकिचाई लेकिन जल्द ही मशीन को आजमाने के लिए कतार में लग गई.
मैंने तो ये सोचा कि ये कोई टेस्टिंग मशीन है. तो कोई चीज टेस्ट करवाने वाली है तो हम भी करवा लेते हैं.संतोष शर्मा, स्थानीय
अधिकारियों ने लोगों को टेस्ट के लिए वोट डालने को भी कहा. अधिकारियों ने लोगों को समझाया कि EVM के साथ लगी VVPAT ये सुनिश्तिच करती है कि उनका वोट उसे ही गया जिसे वो देना चाहते थे.
पहले वोट देते थे तो मन में शंका होती थी कि वोट जिसको देना चाहते थे, उसको गई कि नहीं. उस शंका का समाधान है VVPAT मशीन. आप जिसको भी वोट देंगे उसका सिंबल और उसका नाम सात सेकेंड के लिए दिखेगा. उसके बाद पर्ची बॉक्स में गिर जाएगी. वो पर्ची कैंडिडेट को नहीं मिलेगी.चुनाव अधिकारी
जागरूकता अभियान को लेकर लोगों में उत्साह तो दिख रहा था. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या इससे वोट परसेंट बढ़ेगा?
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