ADVERTISEMENTREMOVE AD

Farmers Protest: भूखे न रहें किसान, इसलिए पंजाब से आए हैं मुसलमान

बिरयानी पर बवाल, लेकिन यहां तो मिठास घोलने वाले मीठे चावल का लुत्फ उठा जा रहा है.

छोटा
मध्यम
बड़ा

कैमरा- शिव कुमार मौर्या

वीडियो एडिटर- अभिषेक शर्मा

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भूखे न रहें किसान, इसलिए पंजाब से आए हैं मुसलमान. हजारों किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर कृषि कानूनों के विरोध में करीब 52 दिनों से डटे हुए हैं. इन किसानों की सहायता के लिए कई लोग सामने आए हैं जिनमें पंजाब (Punjab) से आए मुसलमान भी हैं. ये लोग लंगर (Langar) चलाते हैं और ये सुनिश्चित करते हैं कि कोई भूखा न रह जाए.

सब्जी उगाने वालों की मदद के लिए, आगे आए सब्जी बेचने वाले

मुस्लिम बर्दरहूड नाम से चल रहे लंगर सेवा में मौजूद अमजद बताते हैं, “पंजाब के मलेरकोटला का ये लंगर सेवा है. मलेरकोटला की सब्जी मंडी के लोगों इसमें अपनी मेहनत की कमाई लगा रहे हैं. किसान हमारे लिए सब्जी उगाते हैं और हम उस सब्जी को बेचते हैं. हमारे किसान भाई को हमारी जरूरत है तो हम कैसे उनका साथ छोड़ सकते हैं. इसलिए हम लोग ये लंगर सेवा चला रहे हैं.”

मिठास घोलने वाले मीठे चावल का जायका

चाहे शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी को लेकर हुआ प्रोटेस्ट हो या किसानों का आंदोलन, बिरयानी हर बार मुद्दा बनता है. लंगर में मौजूद एक और सेवादार बताते हैं, “मुसलमानों के इस लंगर में बिरयानी की जगह मीठे चावल का जायका लोग ले रहे हैं. दरअसल, भगवा रंग के मीठे चावल को जर्दा कहते हैं. खाने के बाद मुंह मीठा करने के लिए जर्दा का इंतजाम किया गया है.”

बता दें कि 3 कृषि कानूनों (Farm Bill) पर सरकार और किसान संगठनों के बीच फिर से एक नई तारीख पर बैठक का ऐलान हुआ है. केंद्र और किसानों के बीच हुई 9वें दौर की बैठक भी बेनतीजा साबित हुई और बताया गया है कि 19 जनवरी दोपहर 12 बजे फिर से बातचीत होगी. यानी 10वें दौर की बातचीत होने जा रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×