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इस दिवाली रंगों की चमक से जगमगा रहा है दिल्ली का संजय कैंप

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की ओर से दिवाली का तोहफा- ताजातरीन रंगों से रंगे-पुते घर  

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कैमरापर्सन: अभिषेक रंजन

असिस्टेंट कैमरापर्सन: आरिब खान

वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान

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दिल्ली के चाणक्यपुरी के संजय कैंप में रहने वाला सलमान अपने स्कूल के दोस्तों को घर लाने से कतराता था. उसे लगता था कि उसके ईंटों वाले छोटे से घर में जिसका रंग भी अब उतर चुका था, उसके दोस्त आना पसंद नहीं करेंगे.

सलमान के ही घर की तरह इस बस्ती में और भी कई घर हैं जिसकी चमक गायब हो चुकी थी. लेकिन इस दिवाली उनके घर की चमक जगमगाने वाली है, क्योंकि करीब 2000 से ज्यादा वालंटियर्स ने यहां के घरों में रंग पुताई की है. साथ ही सभी घरों की दीवारों पर पेंटिंग भी बनाई गई है, जिससे वहां के बच्चे जागरूक हो सकें .

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संजय कैंप में रहने वाले स्लम के लोगों के जीवन में रंग भरने के उद्देश्य से “रंग बदलाव का” नाम से एक प्रोग्राम की शुरुआत कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की ओर से अक्टूबर में की गई.

पूरे प्रोग्राम को हम कह रहे हैं,रंग बदलाव का. बदलाव की जिद है. बदलाव है पढ़ाई के लिए. बदलाव है लोगों को सोचने समझने के लिए.  
राकेश सेंगर,  प्रोग्राम डायरेक्टर, केएसएफ

कला में है प्रेरणा देने की ताकत

इस प्रोग्राम से संजय कैंप में जिंदगियां भी करवटें ले रही हैं.

बच्चे यहां आकर मोटिवेट हो रहे हैं. कुछ बच्चे खुद से घर में ड्राॅइंग बना रहे हैं, पेंटिंग कर रहे हैं. संजय कैंप साफ सुथरा हो गया है तो बच्चों को अच्छा लग रहा है.
मोहित,  निवासी

इस प्रोजेक्ट का मकसद है कि शहर का हर एक बच्चा स्वस्थ, सुरक्षित, स्वतंत्र और शिक्षित हो. दिल्ली के संजय कैंप में रहने वाले ज्यादातर मजदूरों का परिवार है. यहां बच्चे ड्रग्स के भी शिकार हो रहे थे. लेकिन दिवाली इस बार संजय कैंप में उम्मीदों की रोशनी बिखेरने वाला है.

बच्चे पढ़ते नहीं थे, नशा करते थे. अब बच्चे पढ़ने लगे हैं. Each One, Teach One से काफी बदलाव आया है.
सलमान, निवासी

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