अपने 15 महीने की पोती की तरफ इशारा करके शीला तिवारी बताती हैं कि आयरा रात को अचानक जग जाती है, और अपने माता पिता को खोजने लगती है, लेकिन उनको अपने पास न पाकर रोने लगती है.
शायद इस मासूम को अभी कुछ दिन और ऐसे ही इंतजार करना होगा, क्योंकि हाल ही में नागरिकता संशोधन के खिलाफ वाराणसी में हुए प्रदर्श के दौरान पुलिस ने इसके माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया था.
आयरा की दादी शीला तिवारी आगे बताती हैं,
“हम उसे ये कहते है की मम्मी-पापा काम पर गए हैं, जल्दी वापस आ जायेंगे.”
19 दिसंबर को, वाराणसी के बेनिया बाग इलाके में आयरा के माता-पिता नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल थे, जिस दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
68 वर्षीय तिवारी ने कहा, "कभी-कभी हम उसे बताते हैं कि उसके माता-पिता काम पर चले गए हैं और जल्द ही वापस आएंगे ."
“लड़की अच्छे से खा भी नहीं रही, हमेशा अपने माता-पिता के बारे में सोचती रहती है. हम उसे झूठा दिलासा देते हैं, तब जाकर वो थोड़ा सा खाती है. ”शीला तिवारी
तिवारी ने कहा कि आयरा के लिए अपने माता-पिता के पास न होना काफी मुश्किल है.
आयरा के माता-पिता एकता (32) और रवि शंकर (36) एक्टिविस्ट है, और एनजीओ, क्लाइमेट एजेंडा चलाते हैं. विरोध प्रदर्शन वाले दिन पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें वे भी शामिल थे. पुलिस के मुताबिक, एकता और रवि पर गंभीर आरोप हैं.
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