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महाराष्ट्र में कोरोना का अटैक कैसे रोकें? सुभाष सालुंखे Exclusive

महाराष्ट्र में अगले 15 दिनों में कोरोना मामलों में आ सकता है बड़ा उछाल 

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वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी

महाराष्ट्र में रोजाना सामने आ रहे नए कोरोना मामले डरा रहे हैं. अब एक दिन में करीब 50 हजार मामले सामने आए हैं. लेकिन महाराष्ट्र में हजारों नहीं कई लाखों में लोग कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि महाराष्ट्र स्टेट टेक्निकल एडवाइजर डॉ. सुभाष सालुंखे का ऐसा कहना है. क्विंट से बातचीत में उन्होंने कहा कि, जितने मरीज सामने आ रहे हैं, वो सिर्फ 'टिप ऑफ आइस बर्ग है'. 80 फीसदी लोग फिलहाल सामने ही नहीं आए हैं.

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अगले 15 दिनों में दिखेगा बड़ा उछाल

डॉ. सुभाष सालुंखे ने क्विंट से खास बातचीत में बताया कि,

“जो लोग संक्रमित हो चुके हैं और सामने नहीं आए हैं, उनसे संक्रमण फैल रहा है. इसलिए जो दिख रहे हैं उससे 25 गुना ज्यादा मरीज आज मौजूद हैं. अभी 10 हजार केस दिख रहे हैं तो असल मे ढाई लाख केस मौजूद होने की आशंका है. अगले 14-15 दिनों तक महाराष्ट्र में अपवर्ड ट्रेंड दिखेगा. आंकड़े कम नहीं होने वाले हैं. कई लाख लोग इसका शिकार बनेंगे. जिसे बचना है वो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करे.”

ये जरूर चौंकाने वाली बात लग रही है, लेकिन शुक्रवार 2 अप्रैल को सीएम उद्धव ठाकरे ने भी कुछ ऐसा ही कहा था. उन्होंने भी कहा था कि अगले 15 दिनों में कोरोना मरीजों से हॉस्पिटल भर सकते हैं.

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डबल म्यूटेशन एक बड़ा खतरा

डॉ. सुभाष सालुंखे ने कहा कि ये होशियार वायरस है. ये बदलता जा रहा है. देश मे मौजूद इंडिजीनियस वायरस बाहर से आ रहे वायरस के साथ बदल रहा है. हमारे यहां डबल म्यूटेशन शुरू हो गया है. ये लगातार जारी रहेगा. इस वजह से वायरस की ट्रांसमिसिबिलिटी बढ़ी है, लेकिन विरुलेन्स यानी मृत्यु दर नहीं बढ़ी है, ये अछी बात है.

अगर ज्यादा लोगों को संक्रमण हुआ तो इम्युनिटी की प्रक्रिया भी बढ़ेगी. जिससे अगले 3 महीने बाद केस कम हो सकते हैं. लेकिन जैसे आंकड़े कम होने लगे हम गलतियां कर बैठते हैं. जिससे थर्ड वेव आने की भी संभावना है.

तीन फेज में करना होगा काम

डॉक्टर सालुंखे ने बताया कि, अब से जून, जून से सिंतबर और सितंबर से दिसंबर तक क्राइसिस मैनजमेंट करना पड़ेगा. इस तरह विभाजन से कड़े कदम उठाने होंगे. जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के साथ लोगों को भी शामिल होना होगा. तभी बढ़ते आंकड़ों पर काबू पा सकेंगे.

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क्या गलतियां हुई हैं?

स्टेट टेक्निकल एडवाइजर सालुंखे ने कहा कि, कोरोना फैलने को लेकर राज्य सरकार से ज्यादा केंद्र की गलतियां ज्यादा है. साथ ही समाज भी गलतियां कर रहा है. लोकल ट्रेन, बस और मार्केट शुरू करना सबसे बड़ी गलतियां साबित हो रहा है. जैसे ही केस घटे वैसे हम बेपरवाह होने लगे. दिल्ली या उत्तर प्रदेश में भी यही परिस्थिति आ सकती है. सिर्फ महाराष्ट्र में गलतियां नहीं हो रही हैं.

वैक्सीन कितना बड़ा हथियार?

सिर्फ वैक्सीन लेने से कोरोना का इलाज नही हो सकता. उसमें सिर्फ वायरस की तीव्रता कम करने की क्षमता है. वैक्सीन से 100 % इम्युनिटी नहीं आ सकती. 30 करोड़ जनता को वैक्सीन देने के लिए हमें 60 करोड़ वैक्सीन स्टॉक पाईल करना जरूरी है. इसके लिए लोकल उत्पादकों के साथ इपोर्ट के लिए बढ़ावा देना जरूरी है. अगर ये मुझे समझ आ रहा है तो केंद्र में बैठे दिग्गजों को क्यों नहीं ये सूझता है. मेरी गुजारिश है की एक्सपोर्ट को कम कर देश की मांग पूरी करने के लिए इंपोर्ट पर भी जोर देना चाहिए. मैं अगर केंद्र में होता तो इस मांग के लिए हाथ धोकर पीछे पड़ता.

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सालुंखे ने कहा कि वैक्सीन पर रोक टोक नहीं होनी चाहिए. 18 साल से ज्यादा को-मॉर्बिड व्यक्ति को वैक्सीन देने की इजाजत दी जाए. 45 साल से कम उम्र व्यक्ति को अगर डायबिटीज है और वो वैक्सीन लेना चाह रहा है तो उसे इनकार करना ये सरासर गलत और अनैतिक है. हमें सरकार के तौर पर किसी को वैक्सीन लेने से मना करने का कोई हक नहीं है. सबको वैक्सीन मिलना ये मानवाधिकार का विषय है.

उन्होंने आगे कहा कि, अगर पुणे में मिशन मोड में वैक्सीन ड्राइव किया तो आज दिन में 1 लाख वैक्सीन देने की हममे क्षमता और तैयारी है.सभी कंटेनमेंट जोन में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अगले 2 हफ्ते में वैक्सीन देना जरूरी है. ये काम मिशन मोड में होना चाहिए.

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क्या महाराष्ट्र में फिर से लॉकडाउन होगा?

इसका जवाब अगले दो- तीन दिनों में सिर्फ सीएम दे सकते हैं. लेकिन रिव्यू मीटिंग में मैने बताया कि ज्यादातर लोग नियमों का पालन करना चाहते हैं. लेकिन सिर्फ 20% लोग ऐसे हैं जो नालायक और गैर जिम्मेदार हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी ही पड़ेगी.

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