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छिछोरे रिव्यू: ‘3 इडियट्स’-‘जो जीता वही सिकंदर’ की याद दिलाती है 

सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म ‘छिछोरे’ शुक्रवार को रिलीज हो गई.

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सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म ‘छिछोरे’ शुक्रवार को रिलीज हो गई. दंगल के डायरेक्टर नितेश तिवारी की इस फिल्म में कॉलेज लाइफ की मस्ती और दोस्ती के रंगों को पर्दे पर उतारने की कोशिश की गई है.

क्या है फिल्म की कहानी

सेलेक्शन डे की टेंशन में अन्नी यानी सुशांत का बेटा राघव छत से कूद जाता है. किसी तरह से उसकी जान बचती है, लेकिन वो तनाव में है. अन्नी राघव का हौसला बढ़ाने के लिए अपने कॉलेज गैंग को बुलाता है और शुरू होता फ्लैश बैक, जहां इंजीनियरिंग कॉलेज में अन्नी और उसके गैंग के लड़के किसी की नहीं सुनते हैं, वो कॉलेज में मस्ती-मजाक करते हैं और रोमांस करते हैं. कॉलेज में इंटर हॉस्टल चैंपियनशिप होने वाली रहती है और एच 4 हॉस्टल यानी अन्नी और उसके गैंग का सामना होता है रईसजादे एच 3 हॉस्टल के लड़कों से. 2 घंटे 26 मिनट की ये फिल्म काफी मनोरंजन की है, जो आपको हॉस्टल लाइफ की याद दिलाती है.

स्टोरी लाइन '3 इडियट्स', 'जो जीता वही सिकंदर' और स्टूडेंट ऑफ द ईयर की मिक्स लगती है. एक्टिंग की बात करें तो सभी एक्टर की परफॉमेंस कॉलेज स्टूडेंट के रोल में दमदार है, लेकिन मिडिल एज में उनकी एक्टिंग थोड़ी बोरिंग लगती है

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