रोहित शर्मा धोनी से कह रहे हैं "माही भाई अब तो हमारा डर ही खत्म हो गया है.हमें लोग सीरियस नहीं ले रहे हैं," आखिर मुंबई और चेन्नई की टीमों की ये हालत क्यों हुई..
एक तरफ डिफेंडिंग चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स है और दूसरी तरफ आईपीएल की सबसे सफल टीम मुंबई इंडियंस. मुंबई और चेन्नई को आमतौर पर आईपीएल की सबसे चैलेंजिंग टीम माना जाता है.
MI लीग के इतिहास की सबसे सफल टीम है जो 14 सीजन में अकेले 5 सीजन जीत चुकी है, जबकि चेन्नई दूसरी सबसे सफल टीम है जिसने 4 बार खिताब अपने नाम किया है, पिछले साल की चैंपियन भी चेन्नई ही है.
लेकिन इस बार दोनों ही टीमें अभी तक प्वॉइंट्स टेबल में सबसे नीचे हैं. दोनों ने अब तक 4-4 मैच खेले हैं और इनमें से किसी को भी एक भी जीत नहीं मिली है. लेकिन अब चर्चा इस बात की होनी चाहिए कि आखिर दो सबसे सफल टीमों की ऐसी हालत क्यों है ?
मुंबई के लिए अभी तक सबसे बड़ी चुनैती गेंदबाजी रही है. पिछले साल मुंबई के टॉप 4 गेंदबाजों में से तीन इस साल टीम में नहीं हैं. राहुल चहर, ट्रेंट बोल्ट, नेथन कोल्टर नाइल जैसे गेंजबाजों की कमी मुंबई को साफ खल रही है. पिछले साल राहुल चहर और ट्रेंट बोल्ट 13-13 विकेट लेकर मुंबई के दूसरे और तीसरे सबसे सफल बॉलर थे. नेथन कोल्टर नाइल ने सिर्फ 6.35 की इकनॉमी से रन दिए थे और वो मुंबई के सबसे कंजूस गेंदबाज थे. अब इस सीजन जो गेंदबाज हैं वो खासे महंगे साबित हो रहे हैं. डेनियल सेम्स ने अकेले एक मैच में 57 तो एक में 50 रन लुटा दिए.
इसके अलावा मुबई की बैटिंग में भी खामियां साफ नजर आ रही है. केकेआर के खिलाफ हार के बाद टीम के कोच महिला जयवर्धने ने भी सामने आकर कहा कि हमारी बैटिंग में निर्भीकता की कमी है, जिसे बदलने की जरूरत है. इसी के चलते बल्लेबाज खुलकर बैटिंग नहीं कर पा रहे और बीच के ओवरों में रनों की रफ्तार धीमी पड़ जाती है.
चेन्नई की हालत तो इससे भी बुरी है. टीम प्वाइंट्स टेबल में आखिरी नंबर पर है. पिछले साल के लीडिंग रन स्कोरर रितुराज गायकवाड़ ने इस साल 4 मैचों में सिर्फ 18 रन बनाए हैं. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर ब्रैड हॉग ने कहा कि
“गायकवाड़ भारत के लिए खेलने के बारे में सोच रहे हैं और टीम के लिए वो क्या कर सकते हैं इसपर उनका कम ध्यान है.”
CSK की इस हालत का एक और कारण है फाफ डु प्लेसिस का टीम में न होना. वसीम जाफर ने कहा कि
“डु प्लेसिस ने पिछले साल गायकवाड़ के साथ शानदार बल्लेबाजी की थी जिसके चलते तीन, चार और पांच नंबर के बल्लेबाज खुलकर खेल सकते थे, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हो रहा है. यही कारण है कि वे बड़ा टोटल खड़ा नहीं कर पा रहे.”
CSK की गेंदबाजी में भी कई खामियां हैं. हरभजन सिंह ने कहा कि चेन्नई की बॉलिंग में 2 बड़ी समस्याएं हैं, पहला ये कि पहले छह ओवर में उनके पास दीपक चाहर जैसा कोई नहीं है जो नई गेंद से जल्दी विकेट दे सके. फिर 7 से 15 ओवर के बीच, उनके पास ऐसा स्पिनर नहीं है जो विकेट दिला सके.”
जाहिर है चेन्नई और मुंबई दोनों के लिए ये सीजन अब तक किसी बुरे सपने जैसा रहा है. अगर इन्हें इस मीम को गलत साबित करना है तो अपनी खामियों पर जल्द काम करना होगा.
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