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‘इससे अच्छा तो सारे होटल बंद कर दे महाराष्ट्र सरकार-अनुराग कटरियार

होटल व्यावसायियों का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार के नए दिशानिर्देशों से रेस्टोरेंट बंदी की कगार पर पहुंच जाएंगे. 

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वीडियो प्रोड्यूसर एंड एडिटर: कनिष्क दांगी

देश में कोरोना की दूसरे लहर के मद्देनजर कई राज्यों ने सख्त पाबंदियां लगानी शुरू कर दी है. महाराष्ट्र में कोरोना इमरजेंसी है. अन्य पाबंदियों के साथ ही 30 अप्रैल तक होटल, बार और रेस्टोरेंट बंद हैं.

होटल व्यावसायियों का कहना है कि वापस पटरी पर लौट रहा होटल व्यापार और लाखों कर्मचारियों का रोजगार एक बार फिर प्रभावित होगा. महाराष्ट्र सरकार के नए दिशानिर्देशों रेस्टोरेंट बंदी की कगार पर पहुंच जाएंगे.

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट अनुराग कटरियार ने क्विंट हिंदी से खास बातचीत में कहा कि-

“बंद से कुछ हासिल नहीं होगा. सरकार से गुजारिश है कि रेस्टोरेंट्स को कोविड-19 प्रोटोकॉल्स के साथ, लिमिटेड कैपेसिटी के साथ काम करने दीजिए. कोरोना टेस्टिंग बढ़ाइए, उससे केसेज मिलेंगे, उन्हें आइसोलेट कीजिए, इलाज कीजिए, वैक्सीनेशन के रेट को आगे बढ़ाइए.”

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उनका तर्क है कि टैक्सी और ऑटो में 2-3 लोग सफर कर सकते हैं, बस, ट्रेन, फिल्म शूटिंग, आईपीएल मैचों को इजाजत हैं और वो सुरक्षित हैं तो कर्मचारियों की आधी संख्या के साथ, नियंत्रित माहौल में काम कर रहे रेस्टोरेंट असुरक्षित कैसे हैं?

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अनुराग कटरियार के मुताबिक रोस्टोरेंट, होटल को लेकर महाराष्ट्र सरकार को अपने फैसले पर विचार करने की जरूरत है.

फैसले में कहा गया है कि महाराष्ट्र के रेस्टोरेंट में किसी को भी आने की इजाजत नहीं होगी. ऐसे में उनका काम सिर्फ डिलीवरी का बचा है और डिलीवरी का कारोबार भी रात के 8:00 बजे तक हो सकता है.

अनुराग कटरियार कहते हैं कि "रेस्टोरेंट, होटल का 75 से 80% का कारोबार रात के 8:00 बजे के बाद होता है, चाहे वो डिलीवरी हो या डाइनिंग हो. हमें सभ्य तरीके से कहा जा रहा है कि आप अपना कारोबार बंद कर दीजिए."

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“लॉकडाउन के दौरान पहली मार होटल, रेस्टोरेंट के कारोबार पर पड़ी”

अनुराग कटरियार का कहना है कि देश में पहली बार लॉकडाउन के दौरान हमारी इंडस्ट्री सबसे पहले बंद हुई थी और लॉकडाउन खत्म होने के बाद सबसे आखिरी में खोली गई. 50% कैपेसिटी के साथ अक्टूबर से मुंबई में रेस्टोरेंट्स खुलें और आज तक वही कायम है. 6 महीने में किसी भी तरीके से केस नहीं बढ़े, ना रेस्टोरेंट से कोई शिकायत आई. केस के बढ़ने का रेस्टोरेंट्स से बिल्कुल रिश्ता भी नहीं है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बढ़ने से, कोविड-19 प्रोटोकॉल्स का पालन न करने से केस बढ़ें. महाराष्ट्र के सीएम के साथ मीटिंग में भी आम सहमति बनी थी कि 90% रेस्टोरेंट कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हैं. फिर ऐसा फैसला क्यों लिया गया?

“हालिया गाइडलाइन के साथ कारोबार चलाना असंभव है. इसमें फायदा तो छोड़िए, आप अपने आप को नुकसान से भी नहीं बचा सकते. हम 73,00000 लोगों को अपने काम में रोजगार देते हैं. हम हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले सेक्टर में से आते हैं. फैसले से सीधा फर्क हमारे कर्मचारियों पर पड़ता है. अभी व्यापार थोड़ा बढ़ा था. लोगों को हमने वापस अपने गांव से बुलाया. हमने उनको दोबारा रोजगार दिया. अब हम उनके साथ क्या करें, वापस गांव भेज दे. थोड़ा चालू थोड़ा बंद करने का काम बंद कर दीजिए, इससे अच्छा तो सारे होटल बंद कर, इंडस्ट्री पर पूरे तरीके से लॉकडाउन लगा दीजिए.”
अनुराग कटरियार, नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट
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देश में कोरोना की महामारी बेकाबू हो गई है. कोरोना से संक्रमण के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में पहली बार कोरोना के एक लाख से अधिक नए केस सामने आए हैं. इनमें आधे से अधिक केस अकेले महाराष्ट्र से ही सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार 50 हजार से अधिक कोरोना कोरोना के नए केस सामने आए.

राज्य में शुक्रवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक पूरी तरह लॉकडाउन लागू किया गया है, जबकि सप्ताह के शेष दिनों में भी कई प्रतिबंध लागू रहेंगे.

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