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कोरोना के हीरो: किसी ने तोड़े गुल्लक, किसी ने हज के पैसे दिए दान

अगर कोरोना से ज्यादा तेजी से फैले प्यार तो हमें जीतने से कोई रोक सकता है?

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वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा

अगर कोरोना से ज्यादा तेजी से फैले प्यार तो हमें जीतने से कोई रोक सकता है?

हमने कई लोगों को देखा कि वो सड़क पर प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग इस लॉकडाउन में दूसरों की मदद के लिए इससे भी आगे निकल गए.

छोटे बच्चों ने अपने गुल्लक तोड़ दिए और कोरोना के खिलाफ संघर्ष के लिए पैसे दान कर दिए.

  • चेन्नई के रहने वाले 7 साल के सैयद अनीस ने 845 रुपये दान किए
  • मिजोरम से 7 साल के रोमेल ने 333 रुपये डोनेट किए
  • एक 6 साल के बच्चे ने भी अपनी तरफ से मदद दी

87 साल की कश्मीरी महिला खालिदा बेगम ने हज के लिए बचाए 5 लाख रुपये RSS से जुड़ी 'सेवा भारती' को जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा के लिए दान कर दिए.

केरल की डॉक्टर शिफा मोहम्मद अपनी शादी के दिन वेडिंग हॉल के बदले आइसोलेशन वार्ड, शादी के कपड़ों के बजाय PPE पहने, मेहमानों के बजाय COVID-19 मरीजों की देखभाल करने में जुटी थी. उनकी उस दिन शादी नहीं हो पाई.

अपने दुख को एक तरफ रखते हुए आंध्र प्रदेश के पुलिसकर्मी शांताराम अपनी मां का अंतिम संस्कार छोड़कर कोरोना वायरस लॉकडाउन के वक्त ड्यूटी पर तैनात थे.

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कुछ दूसरों की सेवा में लगे हुए हैं. वहीं कुछ लोगों के पास इतनी ताकत है कि वो अच्छे कामों के लिए इस तरह का भी बलिदान दे देते हैं. ऐसे सभी हीरो को सलाम है.

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