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भारत के लिए उम्मीद की एक किरण है संविधान: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की है.  

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केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में सभी मुद्दों पर बहस करने का संकेत दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि, बातचीत के लिए सदन से बड़ा कोई मंच नहीं हो सकता है.

प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्हें विश्वास है कि यह सत्र अच्छे विचार विमर्श और नवीन विचारों का गवाह बनेगा.

प्रधानमंत्री ने कल हुई सर्वदलीय बैठक के बारे में बात करते हुए कहा कि, सभी दलों के नेताओं ने सत्र को सुचारू तरीके से चलने देने के लिए भरोसा दिलाया है.

वहीं विपक्ष असहिष्णुता के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी सदन में चर्चा करना चाहता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के बारे में बात करते हुए कहा कि आज ही के दिन 1949 में संविधान को स्वीकृति मिली थी. उन्होंने कहा कि संविधान के बारे में देश के लोगों को और अधिक जानकारी होनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान को उम्मीद की एक किरण बताया है.

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